नई दिल्ली। तस्वीरों में आप जिस महिला को दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ देख रहे हैं, उसका नाम है रीना, लेकिन अब रीना इस दुनिया में नहीं रही। अपने दोनों छोटे-छोटे मासूम बच्चों को हमेशा के लिए छोड़कर रीना चल बसी। अब ऐसे में इन दोनों मासूमों का ख्याल कौन रखेगा? इन्हें कौन खिलाएगा? इनकी पढ़ाई-लिखाई का भार अब कौन उठाएगा? यह अपने आप में मार्मिक सवाल है, लेकिन अफसोस इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है। वहीं, परिवारवालों का रो-रो कर बुरा है। परिजन मदद की गुहार लगाकर मुहाल हो चुके हैं, लेकिन शासन की मेहरबानी देखिए कि कोई भी कुछ सुनने को तैयार नहीं है, तो ये रही शासन की मेहरबानी। आइए, अब जरा ये जान लेते हैं कि रानी की जान कैसे गई?
….तो रीना नांगलोई की रहने वाली थीं। यहीं उनका ससुराल है। पति की मौत आज से 9 वर्ष पहले ही हो गई थी। किसी काम से रीना अपने दोनों बच्चों को लेकर अपने मायके जाने के लिए नांगलोई मेट्रो स्टेशन से मेट्रो पकड़ी। इसके बाद इंद्रलोक पहुंचकर रेड लाइन के लिए मेट्रो पकड़ी। लेकिन यहां उनके साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हो गई। दरअसल, मेट्रो पर चढ़ते समय रीना की साड़ी और बैग गेट में फंस गया। बच्चे तो मेट्रो में चढ़ गए, लेकिन रीना अकेली रह गई। वहीं, मेट्रो के गेट में साड़ी फंसने से रीना घिसटती चली गई। इस दौरान मेट्रो के अंदर मौजूद यात्रियों ने जमकर हल्ला किया। पैनिक अलार्म दबाए। ड्राइवर से मेट्रो को रोकने की गुहार लगाई, लेकिन अफसोस किसी ने भी रीना की गुहार पर कान नहीं लगाया, जिसकी वजह से वो घिसटती चली गई। इसके बाद जख्मी अवस्था में रीना को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उपचार के बाद रीना को मृत घोषित कर दिया गया। अब रीना के दोनों बच्चे अनाथ हो चुके हैं।
वहीं, इस पूरी घटना ने एक बार फिर से मेट्रो की सुरक्षा-व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, मेट्रो प्रशासन ने पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया है। इस संदर्भ में जांच समिति भी गठित की गई है, जो कि पूरी मामले की जांच करेगी, लेकिन इस पूरी घटना ने यात्रियों को खौफजदा कर दिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरी घटना को लेकर क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।