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Vivek Sahay West Bengal New DGP : कौन हैं विवेक सहाय जिन्हें बनाया गया है बंगाल का नया डीजीपी, जानिए…

Vivek Sahay West Bengal New DGP : 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक सहाय राज्य के डीजीपी बनने से पहले पुलिस के महानिदेशक और कमांडेंट जनरल (होमगार्ड) के प्रभारी थे। 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान आईपीएस सहाय ममता बनर्जी के मुख्य सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा एक्शन लेते हुए चुनाव आयोग ने आज पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को हटाकर आईपीएस विवेक सहाय को बंगाल के डीजीपी पद की जिम्मेदारी सौंपी है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक सहाय राज्य पुलिस के महानिदेशक और कमांडेंट जनरल (होमगार्ड) के प्रभारी थे। 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान आईपीएस विवेक सहाय ममता बनर्जी के मुख्य सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं। उन्हें पिछले नवंबर में डीजी (होमगार्ड) के पद पर तैनात किया गया था। विवेक सहाय मूल रूप से बिहार के पटना के रहने वाले हैं। उधर, चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने राजीव कुमार को एक बार फिर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव पद पर वापस भेज दिया है।

इससे पहले आईपीएस राजीव कुमार को 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने कोलकाता पुलिस के तत्कालीन आयुक्त के रूप में प्रतिस्थापित किया गया था। हालांकि, चुनाव के बाद बंगाल सरकार ने उन्हें फिर उसी पद पर बहाल कर दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले राजीव कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। राजीव कुमार को दिसंबर 2023 में मनोज मालवीय के रिटायर होने के बाद राज्य का डीजीपी बनाया गया। इससे पहले, राजीव चीफ कोलकाता पुलिस और चीफ बिधाननगर पुलिस के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का भी नेतृत्व किया और इंफॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में भी काम किया है। 2019 में सीबीआई ने राजीव कुमार पर शारदा घोटाला मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व करते हुए सबूतों को कथित रूप से दबाने और नष्ट करने का आरोप लगाया था। इस घोटाले के आरोप को लेकर फरवरी 2019 में सीबीआई के आरोप और कुमार के घर की तलाशी के बाद, ममता बनर्जी दो दिन के धरने पर भी बैठी थीं। फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उन्हें केंद्रीय एजेंसी की गिरफ्तारी से सुरक्षा दिए जाने के बाद ममता ने अपना धरना खत्म किया था।