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Zubair News: किसने भेजे जुबैर के अकाउंट में 50 लाख?, अब ED और आयकर विभाग उठाएगा राज पर से परदा

Zubair News: इस मामले पर जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया है कि उनके मुवक्किल (जुबैर) को साल 2018 में पोस्ट की गई जिस तस्वीर के लिए गिरफ्तार किया गया है। वो साल 1983 की फिल्म ‘किसी से न कहना’ से ली गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आरोप के उलट जुबैर ने तस्वीर से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की है।

नई दिल्ली। फैक्ट चेकिंग वेबसाइट चलाने वाले ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। सोमवार शाम को दिल्ली पुलिस ने 2018 के कथित रूप से जुबैर को एक आपत्तिजनक ट्वीट से दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आईपीसी की धारा 153/295ए के तहत जुबैर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। सोमवार देर रात एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष जुबैर को पेश किया गया था। जहां से उन्हें एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया। बाद में दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने जुबैर की पुलिस हिरासत की अवधि को बढ़ाते हुए चार दिन कर दिया। अदालत ने कहा कि पुलिस को आरोपी का फोन और लैपटॉप के बेंगलुरु घर से बरामद करना है।

अब इस मामले में जुबैर के बैंक खाते में आए 50 लाख रुपये को लेकर नया मोड़ देखने को मिल रहा है। जुबैर के बैंक खाते में दिल्ली पुलिस को कुछ महीनों में 50 लाख रुपये आने की सूचना मिली है। हालांकि ये रकम कहां से और किसके द्वारा भेजी गई इसे लेकर किसी तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। बीते दिन मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने बताया कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि पिछले तीन महीनों में ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मो. जुबैर के बैंक अकाउंट में 50 लाख रुपये की रकम आई है। ऐसे में अब पुलिस मिले धन के स्रोत की जांच कर रही है।

प्रतीक सिन्हा ने रिपोर्ट को किया खारिज

जुबैर के खाते में पिछले तीन महीनों में 50 लाख रुपये आने के पुलिस के दावों को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने खारिज कर दिया है। सिन्हा ने ट्विटर पर समाचार लेख शेयर करते और कहा, “तथ्य-जांच: बिल्कुल झूठ। पुलिस ऑल्ट न्यूज द्वारा प्राप्त डोनेशन को जुबैर से जोड़ रही है। ऑल्ट न्यूज को प्राप्त होने वाला सारा पैसा संगठन के बैंक खाते में जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं। जुबैर के पर्सनल खाते का बैंक स्टेटमेंट जिसकी एक कॉपी मेरे पास है, इस झूठ को खारिज करता है।”


फिल्म से ली गई है जुबैर की पोस्ट

इस मामले पर जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया है कि उनके मुवक्किल (जुबैर) को साल 2018 में पोस्ट की गई जिस तस्वीर के लिए गिरफ्तार किया गया है। वो साल 1983 की फिल्म ‘किसी से न कहना’ से ली गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आरोप के उलट जुबैर ने तस्वीर से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की है। खैर अब देखना होगा कि अब ये मामला कहां जाकर थमता है।