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Amit Shah in Lok Sabha: विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम क्यों बदला? अमित शाह ने बताई असली वजह

Amit Shah in Lok Sabha: अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन के नाम चेंज करने पर कहा, विपक्ष को अपना नाम अभी बदलना पड़ा। यूपीए अच्छा नाम था। 10 साल सत्ता भी रहे थे। क्या दिक्कत थी नाम क्यों बदलना पड़ा। उन्हें गठबंधन का नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?

नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को लगातार दूसरे दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। कांग्रेस की तरफ से मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कल से चर्चा हो रही है। वहीं बुधवार को विपक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सांसदी बहाली के बाद अपना पहला भाषण दिया। करीब 37 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। बेहद अक्रामक अंदाज में राहुल गांधी ने केंद्र पर वार करते हुए कहा मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की। राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार किया। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार संबोधन दिया। अपने भाषण में अमित शाह ने विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A पर कटाक्ष किया। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि आखिर किस वजह से विपक्षी दलों के गठबंधन को अपना नाम यूपीए से बदलकर इंडिया रखना पड़ा।

अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन के नाम चेंज करने पर कहा, विपक्ष को अपना नाम अभी बदलना पड़ा। यूपीए अच्छा नाम था। 10 साल सत्ता भी रहे थे। क्या दिक्कत थी नाम क्यों बदलना पड़ा। उन्हें गठबंधन का नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी? आप लोगों को मैं बताना चाहता हूं। इतने सारे घोटाले ठोठल किया तो यूपीए 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों में शामिल थी। कैसे जाए बाजार में जो कंपनियां दिवालिया या साख खराब हो जाती है। वो अपना नाम बदल देती है। इन्होंने भी नाम बदल दिया।

आगे अमित शाह ने तत्कालीन यूपीए सरकार के दौरान हुए घोटालों का एक-एक करके नाम गिनाएं। उन्होंने कहा, बोफोर्स घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, सत्यम घोटाला, सीडब्ल्यूजी घोटाला, कोयला घोटाला, आदर्श घोटाला, नेशनल हेराल्ड घोटाला, वाड्रा का डीएलएफ घोटाला, चारा घोटाला, आईपीएल घोटाला.. उनके पास गठबंधन का नाम बदलने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। हमें अपना नाम बदलने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि हम किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं। एनडीए सरकार ने देश को एक स्थिर सरकार दी है।