नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। खास बात ये है कि संसद के विशेष सत्र के लिए कोई एजेंडा जारी नहीं किया गया है। ऐसे में संसद सत्र को लेकर तमाम अटकलें जारी हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि इस सत्र में चीन और मणिपुर मसले पर चर्चा होगी। वहीं, कुछ का कहना है कि मोदी सरकार इस विशेष सत्र के जरिए वक्फ एक्ट को खत्म करने वाली है। इन सब अटकलों के बीच एक और नई चर्चा शुरू हुई है। चर्चा इसकी है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर मोदी सरकार संविधान संशोधन करेगी और देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत रख दिया जाएगा।
देश का नाम इंडिया से भारत करने की अटकलों ने ज्यादा जोर इस वजह से पकड़ा है, क्योंकि विपक्षी दलों के गठबंधन ने अपना नाम इंडिया रखा हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए के घटक दलों के नेता विपक्षी गठबंधन को इंडिया नाम से नहीं बुला रहे हैं। मोदी ने जहां विपक्ष के गठबंधन को घमंडिया कहा है, वहीं एनडीए के नेता इस गठबंधन को I.N.D.I.A के नाम से बुला रहे हैं। यानी एनडीए और बीजेपी साफ कह रही है कि विपक्षी गठबंधन का देश के नाम इंडिया से कोई लेना-देना नहीं है।
अगर संसद की विशेष बैठक के दौरान मोदी सरकार देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने का बिल लाती है, तो इससे सियासी घमासान और तेज होने के आसार हैं। संविधान की प्रस्तावना में बदलाव कर देश का नाम भारत करने के लिए मोदी सरकार को लोकसभा के अलावा राज्यसभा से भी बिल पास कराना होगा। देश का नाम बदलने की अटकलों में दम भी दिखता है। अगर देश का नाम बदलकर भारत कर दिया गया, तो विपक्षी दलों को गठबंधन के नाम के मसले पर जोरदार झटका लगेगा। बीजेपी और एनडीए के नेता उनपर विदेशी छाया में रहने का आरोप भी जोर-शोर से लगाएंगे। ऐसे में सबकी नजर 18 से 22 सितंबर तक उन 5 दिनों पर है, जब संसद का ये विशेष सत्र होगा। खास बात ये भी है कि इस सत्र में कोई प्रश्नकाल नहीं होगा। सदस्य भी मसले नहीं उठा सकेंगे।