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Karnataka: कर्नाटक के CM बनेंगे प्रियांक खरगे?, कहा- पार्टी आलाकमान अगर कहे तो…!

Karnataka: गत कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी ने 66 सीटों पर जीत हासिल की थी। कर्नाटक में मिली जीत जहां एक तरफ कांग्रेस का उत्साह बढ़ा, तो वहीं दूसरी तरफ इस बात को लेकर मुश्किलें भी उठी कि आखिर सीएम पद की बागडोर किसे सौंपी जाए।

नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें इस पद के योग्य समझती है, तो उन्हें अत्याधिक प्रसंन्नता होगी है। पांचों राज्यों के चुनाव से पहले उनके इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बता दें कि प्रियांक खऱगे फिलहाल कर्नाटक सरकार में आईटी मंत्री के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। वहीं, बताया जा रहा है कि प्रियांक के इस बयान के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह तेज हो सकती है। आगे हम आपको इस अंतर्कलह की वजह के बारे में भी विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले जरा प्रियांक खरगे के अब तक के राजनीतिक सफर पर एक नजर डाल लेते हैं।

कौन है प्रियांक खरगे, कैसा है अब तक का राजनीतिक सफर

प्रियांक खरगे कोई और नहीं, बल्कि मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के यूथ विंग से की थी। इसके बाद 1999 में वो कांग्रेस के महासचिव के पद पर काबिज हुए। वहीं, 2005 तक वो स्टेट सेक्रेटरी के पद पर काबिज रहे। इसके बाद 2013 में इन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वहीं, 2018 और 2023 के चुनाव भी उन्हें जीत हासिल हुई थी। फिलहाल, अपने अनुभव के आधार पर प्रियांक खरगे इस पद के लिए बिल्कुल भी उचित साबित हो रहे हैं, लेकिन उनके इस बयान ने कांग्रेस में अंतर्कलह का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।

जानें अंतर्कलह की वजह

दरअसल, गत कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर , जबकि बीजेपी ने 66 सीटों पर जीत हासिल की थी। कर्नाटक में मिली जीत से जहां एक तरफ कांग्रेस का उत्साह बढ़ा, तो वहीं दूसरी तरफ इस बात को लेकर मुश्किलें भी उठी कि आखिर सीएम पद की बागडोर किसे सौंपी जाए। इस रेस में दो नाम शामिल थे। पहला सिद्धारमैया और दूसरा डीके शिवकुमार। लेकिन पार्टी ने काफी चिंतन-मंथन के बाद सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगा दी और डीके शिवकुमार को यह विश्वास दिया कि आगामी दिनों में पार्टी की तरफ से उनकी मेहनत का फल उन्हें दिया जाएगा। निसंदेह, कर्नाटक की जीत में डीके शिवकुमार की महत्ती भूमिका रही, लेकिन अब जिस तरह से प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की है, उसके बाद से माना जा रहा है कि कहीं वो ऐसा करके डीके शिवकुमार का पत्ता तो नहीं काटने की फिराक में हैं।