लखनऊ। कांग्रेस ने यूपी में अपना अध्यक्ष अजय राय को बनाया है। यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद ही अजय राय ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी पुरानी सीट अमेठी से लड़ेंगे। पिछली बार यानी 2019 में राहुल गांधी अमेठी का अपना गढ़ बीजेपी की स्मृति इरानी से गंवा बैठे थे। स्मृति इरानी लगातार अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में सक्रिय रहती हैं। ऐसे में पुराने आंकड़ों के जरिए ये जानने की कोशिश करते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में स्मृति इरानी को अपने पुराने गढ़ अमेठी से क्या राहुल गांधी हरा सकेंगे?
राहुल गांधी ने साल 2004 से अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना शुरू किया था। 2009 में भी वो गांधी परिवार के इस गढ़ से सांसद चुने गए थे। 2014 में स्मृति इरानी ने राहुल को सबसे पहले अमेठी में चुनौती दी थी। राहुल गांधी को अमेठी में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 408651 वोट मिले थे। वहीं, स्मृति इरानी को 300748 वोट ही मिल सके थे। राहुल गांधी से अमेठी में मात खाने के बाद भी स्मृति इरानी ने अमेठी को नहीं छोड़ा। वो लगातार गांधी परिवार के इस गढ़ में जाती रहीं और जनता के बीच पैठ बना ली। नतीजे में राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में माहौल बन गया। अपने खिलाफ माहौल बनता देखकर राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी मैदान में उतरे। उनका ये फैसला काम आया, क्योंकि राहुल अमेठी को स्मृति इरानी के हाथ गंवा बैठे।
2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति इरानी को अमेठी के 468514 लोगों ने वोट दिया था। जबकि, राहुल गांधी को 413394 वोट मिले थे। इससे स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को 55000 से ज्यादा वोट से लोकसभा चुनाव में शिकस्त दे दी थी। अमेठी सीट पर अब तक कांग्रेस 3 बार ही हारी है। इमरजेंसी के बाद 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के रवींद्र प्रताप सिंह ने अमेठी में पीएम रहीं इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी को हराया था। वहीं, 1998 में बीजेपी के संजय सिंह ने यहां गांधी परिवार के करीबी सतीश शर्मा पर जीत हासिल की थी। फिर 1999 में सोनिया गांधी ने अमेठी सीट फिर कांग्रेस की झोली में डाली थी। इसके बाद राहुल गांधी 2004 और 2009 में अमेठी जीते थे।