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Manipur Violence: मणिपुर में उपद्रवियों और आतंकियों की मदद कर रहीं महिलाएं! सेना ने वीडियो जारी कर बताया

मणिपुर में करीब 2 महीने से हिंसा चल रही है। यहां मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष में अब तक 120 लोगों की जान गई है। सैकड़ों घायल हुए हैं और 50000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। तमाम घरों और अन्य संपत्तियों को आग लगाकर उपद्रवियों ने नष्ट किया है। यहां महिलाएं अब सेना का रास्ता रोक रही हैं।

इंफाल। मणिपुर में करीब 2 महीने से हिंसा चल रही है। यहां मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष में अब तक 120 लोगों की जान गई है। सैकड़ों घायल हुए हैं और 50000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। तमाम घरों और अन्य संपत्तियों को आग लगाकर उपद्रवियों ने नष्ट किया है। मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सेना और अर्धसैनिक बलों की तमाम टुकड़ियों को तैनात किया है, लेकिन जवानों को यहां उपद्रवियों को हिंसा से रोकने में एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। सेना ने अब बाकायदा वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है। ये मुश्किल है मणिपुर की महिलाएं।

army in manipur

शनिवार को भी 1200 से 1500 की संख्या में महिलाओं की भीड़ ने सेना का रास्ता रोक लिया था। सेना को पता चला था कि 12 उग्रवादी छिपे हुए हैं। उनको गिरफ्तार करने के लिए छापा मारा गया। तभी सेना के सामने मणिपुर की महिलाएं आ गईं। उन्होंने रास्ता रोक लिया। आखिरकार उग्रवादी मौके से निकल गए और सेना को सिर्फ हथियार ही मिले। सेना की तरफ से जारी वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह महिलाएं उन्हें आगे नहीं जाने दे रहीं। सेना के अफसर और जवान इन महिलाओं से बात करते और उनको मनाते दिख रहे हैं, लेकिन महिलाएं नहीं मानीं। इसी तरह की पहले भी और घटनाएं हो चुकी हैं।

सेना ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर मणिपुर को बचाने के लिए मदद की अपील की है। सेना ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मणिपुर की महिला आंदोलनकारी जानबूझकर सेना और अर्धसैनिक बलों के ऑपरेशन में बाधा डाल रही हैं और रास्ते रोक रही हैं। सेना ने लिखा है कि इस तरह की अवांछित घटनाएं लोगों की जिंदगी और संपत्ति बचाने के लिए सुरक्षाबलों की समय पर की जाने वाली कार्रवाई में बाधा बनती हैं। सेना ने लिखा है कि शांति स्थापना के लिए उसकी कोशिशों को सभी नागरिक अपनी तरफ से मदद करें।