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Ayodhya: राम मंदिर के लिए अब तेजी से हो रहा है ये काम, हर तरफ गूंज रही छेनी-हथौड़ी की आवाज

Ayodhya: मंदिर के नींव की भराई भी दिन-रात चल रही है। कुल 45 लेयर नींव डाली जानी है। इनमें से ज्यादातर हो चुकी हैं। हर हाल में 15 सितंबर तक बाकी नींव का काम पूरा कर लिया जाएगा।

अयोध्या। रामनगरी में रामलला के मंदिर का काम तेजी से चल रहा है। अगले दो हफ्तों में नींव की भराई पूरी होने के बाद चबूतरा बनाने की शुरुआत होगी। इसके लिए राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से बलुआ पत्थर लाए गए हैं। इन पत्थरों को कार्यशाला में शिल्पकार तराश रहे हैं। तराशे गए पत्थरों से चबूतरा बनाकर उसके ऊपर मंदिर का पहला फ्लोर बनाया जाएगा। 1989 से अयोध्या में राम मंदिर के लिए कार्यशाला चल रही है। पहले मंदिर को बहुत बड़ा नहीं बनाया जाना था। जिसकी वजह से कम पत्थर ही तराशे गए थे। अब राम मंदिर बनवा रहे ट्रस्ट ने बड़े मंदिर का खाका तैयार किया है। इसकी वजह से ज्यादा पत्थरों की जरूरत पड़ेगी। इन पत्थरों को ऐसे तराशा जा रहा है कि इन्हें बगैर सीमेंट या अन्य चीज के एक के ऊपर एक रखकर जोड़ा जा सकेगा। इससे मंदिर का ढांचा मजबूत होगा और लंबे समय तक टिका रहेगा।

कार्यशाला में पहले से ही कारीगर काम कर रहे थे। अब इनकी संख्या में बढ़ोतरी की गई है। राम मंदिर का डिजाइन तैयार करने वाले मशहूर सोमपुरा परिवार के सीबी सोमपुरा राजस्थान और गुजरात से 8 नए कारीगर लेकर आए हैं। इनके अलावा जल्दी ही और कारीगरों को भी लाकर काम को तेजी से पूरा कराने की तैयारी राम मंदिर ट्रस्ट ने कर ली है।

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उधर, नींव की भराई भी दिन-रात चल रही है। कुल 45 लेयर नींव डाली जानी है। इनमें से ज्यादातर हो चुकी हैं। हर हाल में 15 सितंबर तक बाकी नींव का काम पूरा कर लिया जाएगा। ट्रस्ट लगातार काम पर नजर बनाए हुए है। मंदिर निर्माण के लिए धन की कमी भी नहीं है। पूरे देश से भक्तों ने समर्पण निधि ट्रस्ट को सौंपी है। इसके अलावा राम मंदिर आंदोलन के वक्त वीएचपी के पास जमा हुए धन को भी ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। राम मंदिर में भक्त रामलला और उनके भाइयों का दर्शन 2023 के दिसंबर से कर सकेंगे। उस वक्त तक नृत्यमंडप और गर्भगृह बन जाएगा। बाकी मंदिर बनाने का काम उसके बाद भी जारी रहेगा और इसे पूरी तरह 2025 तक तैयार करना है।