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UP: योगी सरकार ने बदली चार सालों में मदरसों की सूरत, छात्रों को दी बड़ी राहत

UP: मदरसों के नाम पर वोट मांगने वाली पिछली सरकारों ने जो मदरसों के लिए नहीं किया, वह प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) ने चार सालों में करके दिखा दिया। मरदसा बोर्ड से जुड़े छात्र अब दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा हासिल कर कामयाबी की नई इबारत लिख रहे हैं।

लखनऊ। मदरसों के नाम पर वोट मांगने वाली पिछली सरकारों ने जो मदरसों के लिए नहीं किया, वह प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) ने चार सालों में करके दिखा दिया। मरदसा बोर्ड से जुड़े छात्र अब दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा हासिल कर कामयाबी की नई इबारत लिख रहे हैं। खासकर चार सालों में परीक्षाएं नियमित की गई, जमीन पर बैठ कर परीक्षा देने वाले छात्र अब कुर्सी मेज पर बैठ कर परीक्षा देते हैं। यही नहीं, मदरसों में एनसीईआरटी का पाठयक्रम लागू कर उनको आधुनिक शिक्षा से जोड़े जाने का काम योगी सरकार ने किया है। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए इस वित्‍तीय बजट में 479 करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव रखा गया है।

Yogi Adityanath

योगी सरकार बनने से पहले प्रदेश में मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं का कोई नियमित समय नहीं था। परीक्षाएं कभी अगस्‍त में होती थी तो कभी सितम्‍बर के महीने में आयोजित हो जाती थी। मदरसा छात्रों के बेहतर भविष्‍य के लिए कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए गए। 2017 में योगी सरकार आने के बाद सबसे पहले परीक्षाओं को नियमित समय पर आयोजित कराने का काम किया गया। ताकि छात्र परीक्षा देने के बाद उच्‍च शिक्षा हासिल करने के लिए समय पर दाखिला ले पाएं। यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी में आयोजित होना शुरू हुई।

चार साल में हुआ मदरसा बोर्ड में बदलाव

मदरसा बोर्ड के सदस्‍य जिरगामुददीन बताते हैं कि चार सालों में मदरसा बोर्ड में जो बदलाव हुए हैं। वह पिछले 15 से 20 सालों में नहीं हो सके । बोर्ड में परीक्षाएं कभी समय पर नहीं होती थी। इससे छात्र डिग्री कॉलेजों व विश्‍वविद्यालय में दाखिला नहीं ले पाते थे। सबसे पहले परीक्षाओं को नियमित करने का काम किया गया। परीक्षाओं को सीसीटीवी से निगरानी कर उनको शुचितापूर्ण बनाया गया। पहले छात्र टाट पटटी पर बैठकर परीक्षा देते थे लेकिन अब कुर्सी मेज पर बैठ कर परीक्षा देते हैं। दीनी तालीम के साथ एनसीईआरटी किताबों को मदरसों में लागू किया गया। परीक्षा के साथ वाइवा व प्रायोगिक परीक्षाएं होना शुरू हुई।

madarsa

सिलेबस किया कम

यूपी भाषा समिति के सदस्‍य दानिश आजाद बताते हैं कि प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे और करीब 17 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं। मदरसा छात्रों का राहत देने के लिए उनका सिलेबस कम किया गया। पहले छात्रों को 12 से 15 किताबों से पढ़ाई करना पड़ती थी लेकिन सिलेबस कम हो गया है, सिर्फ 7 से 8 किताबों को लागू किया गया। जो पेपर लम्‍बे-लम्‍बे आते थे, उनको सेक्‍शन में बांट कर छोटा किया गया। इससे छात्रों को काफी सहूलियत हुई है।