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World Malaria Day 2022: क्यों मनाते हैं विश्व मलेरिया दिवस?, जानिए, इसका इतिहास और इस साल की थीम

World Malaria Day 2022: मादा एनोफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लास्मोडियम परजीवी फैलाती हैं, जो मलेरिया बीमारी का कारण बनता है। हालांकि, थोड़ी बहुत सावधानियां बरती जाएं तो  इस बीमारी का बचाव किया जा सकता है

नई दिल्ली। हर साल मलेरिया जैसी घातक बीमारी के चलते हजारों लोगों की मौत हो जाती है। सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी अभी तक उसे नियंत्रित नहीं किया जा सका है। इस बीमारी के संबंध मे लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल पूरी दुनिया 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाती है। ये बीमारी संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। मादा ‘एनोफिलीज’ मच्छर अपनी लार के माध्यम से ‘प्लास्मोडियम परजीवी’ फैलाती हैं, जो मलेरिया बीमारी का कारण बनता है। हालांकि, थोड़ी बहुत सावधानियां बरती जाएं तो  इस बीमारी का बचाव किया जा सकता है, फिर भी अगर किसी को मलेरिया हो जाए तो इसका इलाज भी संभव है, बशर्ते सही समय पर इसका पता चल जाए। एक अध्ययन के अनुसार, साल 2000 से 2014 के बीच, दुनिया भर में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में 40% की गिरावट देखी गई है। दुनिया के कई देश लगातार इस बीमारी के इलाज और दवाईयों पर काम कर रहे हैं।

इस साल मलेरिया दिवस की थीम

इस दिन को मनाने के लिए हर साल एक थीम तैयार की जाती है। इस बार विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम है, “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करना”।

मलेरिया दिवस का इतिहास

विश्व मलेरिया दिवस को मनाने का विचार अफ्रीका मलेरिया से आया है। इसे पहली बार 2008 में अफ्रीका में आयोजित किया गया था। इसका प्रस्ताव 2007 में, विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में रखा गया था कि अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए, जिसे सामूहिक रूप से सहमति प्राप्त हुई। इस दिन को मनाने का उद्देश्य था कि ये विचार दुनिया भर के देशों में मलेरिया के अस्तित्व की पहचान करने और उसके खिलाफ लड़ने के लिए विश्व स्तर पर लोगों में जागरूकता लाने में मदद करेगा।