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विश्व जनसंख्या दिवस 2020, जानें क्यों मनाया जाता है ये दिन

आज विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।

नई दिल्ली। आज विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है, ताकि लोग इसे रोकने, कम करने पर ध्यान दें। भारत, चीन समेत कई विकासशील देशों के लिए बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है।

कोरोना महामारी के बीच इस साल जनसंख्या कम बढ़ने की बात कही गई है। भारत में आज जनसंख्या दिवस पर फिर Two Child Policy की मांग उठी। दुनिया की जनसंख्या 11 जुलाई 1989 को पांच अरब हुई। तब कुछ लोग समझ चुके थे कि यह आगे चलकर कितनी बड़ी समस्या का रूप लेनेवाला है। 1989 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को world population day घोषित किया था। तब से दुनिया के हर कोने में इसे मनाया जाता है और जनसंख्या कंट्रोल करने के लिए तरह-तरह से प्रोत्साहित किया जाता है।

​उठी टू चाइल्ड पॉलिसी की मांग

जनसंख्या दिवस पर आज भारत में #TwoChildPolicy जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे। यहां सबकी मांग थी कि सरकार को जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए टू चाइल्ड पॉलिसी, मतलब अधिकतम दो बच्चों वाला कानून लाना चाहिए।

अब कंडोम के इस्तेमाल के प्रचार में बजेगा रैप सॉन्ग

सुरक्षित यौन संबंध की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक रैप गाना तैयार किया गया है जिसे गुरुवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर रिलीज किया गया। एक बयान में कहा गया, पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) और कार्यक्रम ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ के निर्माताओं ने इस गीत को रिलीज किया जिसका शीर्षक ‘कंडोम रैप’ है जिसे पीयुष कनौजिया ने बनाया है।

हैशटैग कंडोम बोले कैम्पेन के तहत लॉन्च हुआ, यह गाना एक संदेश के साथ नवयुवकों खासकर पुरूषों में सुरक्षित यौन संबंध बनाने, दोहरी सुरक्षा और परिवार नियोजन में उनकी जिम्मेदारी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कंडोम के उपयोग को बढ़ावा देगा। पीएफआई की कार्यकारी निदेशक पूनम मुटरेजा ने कहा, “गर्भनिरोध के बारे में निर्णय सामाजिक मानदंडों के साथ बेहद करीब से जुड़े हुए हैं और युगल अपने परिवार व समाज से अपनी प्रजनन क्षमता को साबित करने के लिए काफी दबाव का सामना करते हैं।”

उनका यह भी कहना है कि गर्भनिरोध के बारे में कई सारी जानकारियां उपलब्ध हैं, लेकिन प्रचलित मिथकों की वजह से खासकर पुरूषों में यह प्रतिबंधित है। उन्होंने यह भी बताया, ‘कंडोम रैप’ के माध्यम से युवाओं को यह बताने का हमारा लक्ष्य है कि कंडोम अनचाहे गर्भधारण को रोककर दोहरी सुरक्षा प्रदान करती है और यह यौन संचारित संक्रमणों से भी बचाती है।