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H.S Prannoy VIDEO: 41 साल बाद प्रणॉय ने बैडमिंटन में दिलाया भारत को मेडल, तो खुशी से छलक पड़े आंसू, टी-शर्ट उतार गुरु को लगाया गले

HS Prannoy: इस जीत का खिताब अपने नाम करने के बाद एचएस प्रणय की खुशी का ठिकाना नहीं था, जिसे उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर भी साझा किया है, जो कि अभी खूब वायरल हो रही है। हालांकि, अभी अगला एशियाई खेल भी होना है।

नई दिल्ली। इस बार एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने जो कीर्तिमान स्थापित किया है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। 41 साल बाद जहां भारतीय घुड़सवारों ने पदक झटका, जिसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर की, तो वहीं दूसरी तरफ आज भारतीय बैडमिंटन में भी खिलाड़ियों ने कमाल कर दिया। भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणॉय ने एशियन गेम्स के सेमीफाइनल में चीन के ली शिफेंग को 3 गेम तक चले धांसू को हार का मुंह दिखाया, तो भारतीय खेमों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। वहीं, इस ऐतिहासिक जीत के बाद इन्होंने खुशी में टी-शर्ट निकालकर फेंक दी और अपने गुरू गोपीचंद को गले से लगा लिया। जिसके बाद उनके आंखों में आंसू छलक पड़े।

बतौर भारतीय आपको यह जानकर हर्ष होगा कि 1982 के बाद से एशियाई खेलों में बैडमिंटन पुरुष एकल में इन्होंने भारत के लिए पहला पदक हासिल किया। 78 मिनट तक चले इस मुकाबले में क्वॉर्टर फाइनल में ली जी जिया को 21-16, 21-23, 22-20 से हार का मुंह दिखाया। हालांकि, बाद में इन्हें सेमीफाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि, यह राह उनके लिए आसान नहीं थी। उनकी राह में बेशुमार दुश्वारियां मुंह बाएं खड़ी थीं। जिन्हें मात देते हुए इन्होंने यह कीर्तिमान स्थापित किया जिसके लिए ये तारीफ के पात्र हैं। जहां प्रणय ने 5-11 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए पहला गेम जीत लिया। एक-एक पॉइंट के लिए दोनों शटलरों में खूब भिड़ंत हुई। हालांकि आखिरी में गजब की रैली जीतते हुए प्रणय ने मैदान मार लिया।

बता दें कि इस जीत का खिताब अपने नाम करने के बाद एचएस प्रणॉय की खुशी का ठिकाना नहीं है। जिसे उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर भी साझा किया है, जो कि अभी खूब वायरल हो रहा है। हालांकि, अभी अगला एशियाई खेल भी होना है। वहीं, मैच के बाद प्रणॉय राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि फिलहाल मैं सही स्थिति में नहीं हूं, लेकिन मैं जो भी कह रहा हूं, उसमें से 80 फीसद सही हूं। मुझे लगता है कि अगर आपके अंदर 80 फीसद तक लड़ने की इच्छा अंतिम समय तक होती है, तो आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में उनके लिए एशियाई खेलों में कैसी राह रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।