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MS Dhoni: किरण मोरे का दावा- धोनी को टीम में जगह देने के लिए गांगुली से हुआ था झगड़ा

MS Dhoni Selection: किरण मोरे ने आगे कहा कि धोनी को हमने उन्हें इंडिया ए के साथ केन्या भेजा जहां उन्होंने ट्राई सीरीज में लगभग 600 रन बनाए थे और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी, आज एक ऐसा नाम जिसके बारे में किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में शामिल महेंद्र सिंह धोनी की भारतीय टीम में एंट्री को लेकर पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज किरण मोरे ने दावा किया है कि, उन्होंने ही धोनी की खोज की है। उनका दावा है कि, धोनी को टीम में शामिल करने को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। चीफ सिलेक्टर रहे किरण मोरे का दावा है कि धोनी को टीम में जगह देने के लिए वो पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को 10 दिन तक मनाते रहे। उन्होंने कहा कि उस वक्त टीम में कोई डेडिकेटेड विकेटकीपर बल्लेबाज नहीं था। ऐसे में हमें टीम के लिए तलाश  द्रविड़ विकेटकीपिंग कर रहे थे और 75 मैच बतौर विकेटकीपर खेल चुकेथी एक पावर हिटर की। उन्होंने बताया कि, साल 2004 में जब दलीप ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला नार्थ जोन और ईस्ट जोन के बीच खेला जा रहा था तो ईस्ट जोन की तरफ से दीपदास गुप्ता नियमित विकेटकीपर थे।

dhoni

मोरे ने बताया, “धोनी की बल्लेबाजी मेरे सहयोगी ने पहले ही देखी थी। फिर मैंने भी उनकी बल्लेबाजी देखी। उस मैच में धोनी ने 170 में से 130 रन बनाए थे। उसी के बाद से हम चाहते थे कि धोनी फाइनल में बतौर विकेटकीपर खेलें। इसके बाद गांगुली और दीपदास गुप्ता से धोनी को लेकर मेरी काफी बहस भी हुई थी।

Former skipper Sourav Ganguly

उन्होंने कहा कि, मुझे सौरव और उनके चयनकर्ताओं को 10 दिन यह समझाने में लग गए कि, फाइनल में दीपदास गुप्ता से विकेटकीपिंग ना कराने और एमएस धोनी को कीपिंग करने दिया जाए। दलीप ट्रॉफी के फाइनल में धोनी ने ओपनिंग की थी। धोनी ने पहली पारी में 21 और दूसरी पारी में सिर्फ 47 गेंदों में 60 रन बनाए थे। मोरे का कहना है कि, किरण मोरे ने आगे कहा कि धोनी को हमने उन्हें इंडिया ए के साथ केन्या भेजा जहां उन्होंने ट्राई सीरीज में लगभग 600 रन बनाए थे और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।