newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

CWG 2022: जानिए कौन है वेटलिफ्टर गुरुराजा, लगातार दूसरे कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता है मेडल

CWG 2022: तीसरा पदक शनिवार देर रात मीराबाई चानू ने गोल्ड के रूप में हासिल किया था। वैसे तो सभी खिलाड़ियों ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है लेकिन आज हम आपको कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले गुरुराजा पुजारी के बारे में बताने जा रहे हैं। जो 269 किलोग्राम भार उठाकर मेडल जीते हैं।

नई दिल्ली। बीते शुक्रवार से ही कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की शुरुआत हुई है और भारत इसमें अच्छी बढ़त बनाए हुए हैं। बीती रात (शनिवार) को ही वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल जीतकर भारत का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। इसके बाद बिंद्यारानी देवी ने भारत की झोली में एक और मेडल डाल दिया है। वेटलिफ्टर बिंद्यारानी देवी ने मुकाबले में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया। बता दें दो दिनों में ही भारत की झोली में अब तक 4 मेडल आ चुके हैं। देश के नाम पहला मेडल वेटलिफ्टर संकेत सरगर ने किया। सिल्वर हासिल कर उन्होंने खाता खोला। इसके बाद सफर गुरुराज पुजारी ने कांस्य पदक अपने नाम किया। तीसरा पदक शनिवार देर रात मीराबाई चानू ने गोल्ड के रूप में हासिल किया था। वैसे तो सभी खिलाड़ियों ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है लेकिन आज हम आपको कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले गुरुराजा पुजारी के बारे में बताने जा रहे हैं। जो 269 किलोग्राम भार उठाकर मेडल जीते हैं।

weightlifter Gururaja...

ट्रक ड्राइवर हैं गुरूराजा के पिता

राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारत के नाम कांस्य पदक करने वाले गुरुराजा पुजारी का जन्म 15 अगस्त 1992 को कुंडापुरा में हुआ था। 29 साल के गुरुराज का पूरा नाम पी गुरुराजा पुजारी है। इससे पहले उन्होंने साल 2018 में गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में 56 किलो वर्ग में सिल्वर पदक जीता था। इसके ठीक 4 साल बाद बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को उन्होंने ही पदक दिलाने का काम किया है। गुरुराजा पुजारी ने अपने वेटलिफ्टिंग करियर की शुरुआत साल 2010 में की थी। 5 भाइयों में सबसे छोटे गुरुराज के पिता ट्रक ड्राइवर हैं। यही कारण है कि उन्हें डाइट को लेकर शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा। 2010 में जब से गुरुराजा पुजारी ने इस खेल में रूचि दिखाई इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वेटलिफ्टिंग में सर्वश्रेष्ट होने के लिए पावरलिफ्टिंग पर ध्यान देना शुरू कर दिया।

गुरुराजा की जीत से परिवार में जश्न का माहौल 

मिल चुके हैं 100 से अधिक मेडल

बीते साल कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में दिसंबर महीने में गुरुराज ने 61 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया थाय़ हालांकि 2018 के मेडल ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से ही पलटकर रख दिया। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का वेटलिफ्टिंग में प्रदर्शन ओवरऑल अच्छा रहा है। इस गेम्स से पहले तक इस खेल में भारत को 43 गोल्ड, 48 सिल्वर और 34 ब्रॉन्ज समेत 125 मेडल हासिल हो चुके थे। ये गेम्स में बतौर खेल दूसरा बेस्ट प्रदर्शन रहा है। वहीं, शूटिंग में सबसे ज्यादा 63 गोल्ड समेत 135 मेडल मिले हैं।