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Neeraj Chopra Birthday: एथलेटिक्स मेडल में भारत का 121 साल का सूखा खत्म करने वाले नीरज चोपड़ा का आज जन्मदिन, हासिल किए हैं कई मेडल

Neeraj Chopra Birthday: साल 1997 में आज ही के दिन नीरज चोपड़ा का जन्म हरियाणा के जिले पानीपत में छोटे से गांव खांद्रा में किसान के घर पर हुआ था। नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद चंडीगढ़ में एक बीबीए कॉलेज में एडमिशन लिया था।

नई दिल्ली। ये साल भारत के लिए साल कुछ पल ऐसे भी आए जिससे देश का सर दुनिया के सामने गर्व से ऊंचा हो गया। इस साल भारत को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra Birthday) ने गोल्ड दिलाया। भाला फेंक खेल में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने भारत का नाम रौशन किया। जिस एथलीट मेडल के लिए 121 साल से देश सपने देख रहा था। इस सपने को हक्कीत बनाने वाले नीरज चोपड़ा को मिले गोल्ड के बाद से ही उन्हें गोल्डन बॉय (Golden Boy) के नाम से पुकारा जाने लगा है। आज इसी गोल्ड बॉय यानी नीरज चोपड़ा का जन्मदिन है। तो चलिए आपको बताते हैं टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड के अलावा किन मुकाबलों में नीरज चोपड़ा ने अपना दम दिखाया है…

Neeraj Chopra

हासिल किए हैं कई मेडल

• टोक्यो ओलंपिक 2021- गोल्ड मेडल

• एशियन गेम्स 2018- गोल्ड मेडल

• कॉमनवेल्थ गेम्स 2018- गोल्ड मेडल

• एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017- गोल्ड मेडल

• वर्ल्ड यू-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2016- गोल्ड मेडल

• साउथ एशियन गेम्स 2016- गोल्ड मेडल

• एशियन जूनियर चैंपियनशिप 2016- सिल्वर

neeraj chopra2

मोटापे बना जैवलिन खेल में रूचि का कारण

साल 1997 में आज ही के दिन नीरज चोपड़ा का जन्म हरियाणा के जिले पानीपत में छोटे से गांव खांद्रा में किसान के घर पर हुआ था। नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद चंडीगढ़ में एक बीबीए कॉलेज में एडमिशन लिया था। यहीं से उन्होंने (नीरज चोपड़ा) ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। अपने बचपन में नीरज चोपड़ा काफी मोटे थे। मोटापे के कारण हर कोई उनका मजाक उड़ाते थे। नीरज चोपड़ा का परिवार भी इस मोटापे से परेशान था ऐसे में उनके चाचा ने सलाह दी कि वो रोजाना स्टेडियम में दौड़ लगाए। 13 साल की उम्र में उन्होंने स्टेडियम में भागना तो शुरू किया लेकिन उन्हें इसे करने में मजा नहीं आता है। इस दौरान वहां नीरज स्टेडियम में खिलाड़ियों को भाला फेंकते हुए देखते थे जिसके बाद से ही उनकी इस खेल को लेकर रूचि बढ़ने लगी। फिर क्या नीरज चोपड़ा ने जैवलिन फेंकना शुरू किया और आखिरकार जिस एथलीट मेडल के लिए 121 साल से देश सपने देख रहा था। इस सपने को हक्कीत बना दिया।