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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर केंद्र सरकार की बड़ी मुहिम, आज से देशभर में 18 साल से ऊपर के लोगों को लगेगी मुफ्त वैक्सीन

Vaccination: दरअसल कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए देश में टीकाकरण के अभियान को तेज चलाने की जरुरत थी, ऐसे में केंद्र सरकार ने अब फैसला किया है कि, ना सिर्फ 45 साल के ऊपर बल्कि 18 से 44 साल तक के लोगों को भी कोरोना वायरस की वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी।

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर केंद्र सरकार ने कोरोना से छिड़ी जंग के बीच बड़ी मुहिम की शुरुआत कर दी है। बता दें कि 21 जून से देश के सभी राज्यों में 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन मुहैया कराएगी। केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से देश टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी। वहीं इतने व्यापक उम्र सीमा को कोरोना वैक्सीन देने को लेकर फैसला किया गया है कि वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 फीसदी हिस्सा भारत सरकार खुद खरीदेगी और राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। बता दें कि कोरोना वैक्सीन को मुफ्त देने का फैसला केंद्र सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। दरअसल कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए देश में टीकाकरण के अभियान को तेज चलाने की जरुरत थी, ऐसे में केंद्र सरकार ने अब फैसला किया है कि, ना सिर्फ 45 साल के ऊपर बल्कि 18 से 44 साल तक के लोगों को भी कोरोना वायरस की वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी।

Corona Vaccine

गौरतलब है कि, भारत में बन रही कोरोना वायरस की वैक्सीन में से 25 प्रतिशत निजी सेक्टर के हॉस्पिटल सीधे ले पाएंगे और ये व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। वहीं टीकाकरण अभियान को लेकर केंद्र की नई नीति में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों के लिए टीकों की खरीद केंद्र सरकार ही करेगी। इस नीति के अंतर्गत वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से 75% टीके केंद्र सरकार खरीदेगी, वहीं बाकी 25 फीसदी वैक्सीन ये कंपनियां निजी अस्पतालों को बेच सकेंगी।

Corona Vaccine

बता दें कि, प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए कोरोना टीका लगाने को लेकर एक निर्धारित कीमत तय की गई है। जिसमें अस्पताल एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। अस्पताल इससे ज्यादा ना ले सकें इसकी निगरानी का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा। वहीं केंद्र सरकार राज्यों की जनसंख्या, संक्रमितों की संख्या और टीकाकरण की रफ्तार के हिसाब से वैक्सीन देगी। मालूम हो कि देश में कई राज्य सरकारों ने केंद्र को सुझाव दिया था कि स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सीधे वैक्सीन की खरीद और उन्हें अपनी प्राथमिकता के अनुसार देने के लिए लचीलेपन की अनुमति दी जाए। इसके बाद भारत सरकार ने दिशा निर्देशों को संशोधित किया।