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Middle East War: हूती विद्रोहियों ने दागे मिसाइल और एक दर्जन ड्रोन, अमेरिकी सेना ने मार गिराया; मध्य-पूर्व में जंग तेज होने की आशंका

Middle East War: अमेरिकी सेना के मुताबिक यमन के हूती विद्रोहियों ने 12 ड्रोन, 3 जहाज रोधी बैलेस्टिक मिसाइलें और 2 क्रूज मिसाइलें दागी थीं। इन सभी को कैरियर स्ट्राइक ग्रुप आइजनहावर के जहाजों और लड़ाकू विमानों के जरिए मार गिराया गया। मंगलवार को दक्षिणी लाल सागर में सुबह हूती ने हमले शुरू किए थे।

सना/वॉशिंगटन। यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि लाल सागर पर भारत में रजिस्टर्ड जहाज पर उन्होंने ही ड्रोन से हमला किया था। वहीं, अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने कहा है कि उसने लाल सागर इलाके में हूती विद्रोहियों के 12 ड्रोन और 5 मिसाइलों को मार गिराया है। अमेरिकी सेना का कहना है कि इन ड्रोन और मिसाइलों से किसी जहाज को नुकसान नहीं हुआ है। किसी के घायल होने की भी खबर नहीं है। दो दिन पहले ही लाल सागर में भारतीय जहाज पर ड्रोन से हमला हुआ था। इससे पहले अरब सागर में भारत आ रहे जहाज पर ड्रोन से हमला किया गया था। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा था कि जिसने भी हमला किया, उसे समुद्र के तल से भी खोजकर लाया जाएगा और सजा दी जाएगी।

हूती विद्रोहियों को ईरान मदद देता है और ईरान से भारत के अच्छे रिश्ते हैं। अभी ये पता नहीं चल सका है कि हूती विद्रोहियों ने आखिर भारत के जहाजों को निशाना क्यों बनाया। उधर, अमेरिका ने हूती की तरफ से दागी मिसाइलों और ड्रोन के बारे में जानकारी दी है। अमेरिकी सेना के मुताबिक यमन के हूती विद्रोहियों ने 12 ड्रोन, 3 जहाज रोधी बैलेस्टिक मिसाइलें और 2 क्रूज मिसाइलें दागी थीं। इन सभी को कैरियर स्ट्राइक ग्रुप आइजनहावर के जहाजों और लड़ाकू विमानों के जरिए मार गिराया गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार को दक्षिणी लाल सागर में सुबह हूती ने हमले शुरू किए थे। हूती और अमेरिकी सेना के बीच ये जंग 10 घंटे तक जारी रही। अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई में हूती के ड्रोन और मिसाइलों को सफलता से मार गिराया।

इस बीच, भारत ने अपने यहां के जहाजों समेत सभी नौवहन जहाजों को अरब सागर में सुरक्षा देने के लिए नौसेना के पोत तैनात किए हैं। नौसेना के पोत पूरे अरब सागर में भारत की तरफ आ रहे जहाजों की सुरक्षा का काम कर रहे हैं। इन जहाजों में ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम करने वाले हथियार भी लगे हैं। इससे अब अरब सागर में किसी भी जहाज पर निशाना लगाने में हूती विद्रोहियों को कामयाबी नहीं मिलने वाली है।