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हॉन्ग कॉन्ग में विरोध दबाने के नाम पर दमनकारी नीति अपना रहा चीन, प्रदर्शनकारियों पर दागे आंसू गैस के गोले

चीन अपने ही देश से अलग हुए एक हिस्से की आजादी की मांग को ताकत के बलबूते दबाने की कोशिश कर रहा है। वहीं हॉन्ग कॉन्ग की सड़कों पर चीन विरोधी प्रदर्शन अब हिंसक रूप लेता दिखाई दे रहा है।

बेजिंग। कोरोना संकट काल के दौरान भी चीन भारत को सीमा विवाद में उलझाने का प्रयास कर रहा है। मगर खुद चीन अपने ही देश से अलग हुए एक हिस्से की आजादी की मांग को ताकत के बलबूते दबाने की कोशिश कर रहा है। वहीं हॉन्ग कॉन्ग की सड़कों पर चीन विरोधी प्रदर्शन अब हिंसक रूप लेता दिखाई दे रहा है।

वहीं, चीन समर्थित पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का विरोध कर रहे लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दाग रही है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। वहीं कई अन्य गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। वहीं, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि हॉन्ग कॉन्ग में नया कानून हर हाल में लागू किया जाएगा।

विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हॉन्ग-कॉन्ग में कानून व्यवस्था को स्थापित करने और विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून चीन की संसद में पेश किया गया है। जिसके खिलाफ हॉन्ग कॉन्ग की जनता सड़कों पर उतर गई है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक इस कानून के तहत विदेशी हस्तक्षेप, आतंकवाद और राष्ट्रदोही गतिविधियों पर शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकेगी।

1997 से चीन ने कर रखा है हॉन्ग-कॉन्ग पर कब्जा

अल जजीरा की कटरीना यू के मुताबिक इस विधेयक से पेइचिंग हॉन्ग-कॉन्ग की राजनीतिक उठापटक को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि हॉन्ग-कॉन्ग ब्रिटिश शासन से चीन के हाथ 1997 में ‘एक देश, दो व्यवस्था’ के तहत आया और उसे खुद के भी कुछ अधिकार मिले हैं। इसमें अलग न्यायपालिका और नागरिकों के लिए आजादी के अधिकार शामिल हैं। यह व्यवस्था 2047 तक के लिए है।

राष्ट्रगान को लेकर विवाद

कुछ दिन पहले हॉन्ग-कॉन्ग में चीन के राष्ट्रगान को लेकर विधान परिषद में पेश किए एक विधेयक पर जमकर बवाल हुआ था। परिषद में चर्चा के दौरान लोकतंत्र समर्थक सांसदों ने इस बिल का विरोध किया था।

जिसके बाद लोकतंत्र समर्थक कई सांसदों को जबरन परिषद की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया। बता दें कि इस विधेयक के पास होने के बाद हॉन्ग-कॉन्ग में चीनी राष्ट्रगान का अनादर करना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।