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Rahul Gandhi On RSS: राहुल गांधी का फिर विवादित बयान, आरएसएस को बताया फासीवादी; कट्टरपंथी मुस्लिम ब्रदरहुड से की तुलना

राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस जैसे फासीवादी संगठन ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात ने झकझोर दिया कि वे हमारे देश के संस्थानों पर कब्जा करने में कितना सफल रहे हैं। राहुल ने कहा कि प्रेस, संसद, न्यायपालिका और चुनाव आयोग खतरे में हैं और नियंत्रित किए जा रहे हैं।

लंदन। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को कट्टरपंथी और फासीवादी बताया है। लंदन के चैथम हाउस में सोमवार को ब्रिटिश सांसदों के एक समूह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरएसएस की तुलना मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड से भी की। उन्होंने कहा कि आरएसएस इसी तर्ज पर बना है। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस जैसे फासीवादी संगठन ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात ने झकझोर दिया कि वे हमारे देश के संस्थानों पर कब्जा करने में कितना सफल रहे हैं। राहुल ने कहा कि प्रेस, संसद, न्यायपालिका और चुनाव आयोग खतरे में हैं और नियंत्रित किए जा रहे हैं।

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राहुल गांधी ने ये भी कहा कि बीजेपी को कोई हरा नहीं सकता वाली बात पर वो भरोसा नहीं करते। उन्होंने कहा कि हमने बीजेपी की तुलना में कई साल तक शासन किया है। बीजेपी हमेशा के लिए सत्ता में नहीं रहने वाली है। राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी एक दिन जागते हैं और रिजर्व बैंक को भनक लगे बगैर नोटबंदी कर देते हैं। उन्होंने ये आरोप फिर लगाया कि चीन के मसले पर मोदी शांत बैठे हैं। जबकि, चीन 2000 किलोमीटर इलाके में भारत की जमीन पर कब्जा करके बैठा है। आरोपों की झड़ी लगाते हुए राहुल ने कहा कि तीन-चार लोग हमारे बैंकिंग सिस्टम पर नियंत्रण कर रहे हैं।

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बता दें कि राहुल गांधी ने इससे पहले भी ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है, लेकिन दुनिया में लोकतंत्र के सबसे बड़े पहरेदार अमेरिका और यूरोप के देश चुप हैं। वहीं, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने भाषण में राहुल ने पहले चीन को शांति का पक्षकार बताया था। बाद में कहा था कि चीन के मसले पर कांग्रेस की नीति साफ है। कांग्रेस किसी को अंदर आने और धक्का देने की मंजूरी कतई नहीं देती है। अब आरएसएस को कट्टरपंथी और फासीवादी बताए जाने के बाद एक बार फिर राहुल गांधी के निशाना बनने के आसार हैं।