नई दिल्ली। अमेरिका के फ्लोरिडा में कोविड इस कदर विकराल हो चुका है कि अस्पताल की छतों तक डेड बॉडी के ढेर जमा हो गए हैं। फ्लोरिडा के श्मशानो में लंबा बैकलॉग चल रहा है। कोविड से मरने वालों के परिवारीजन उनके अंतिम संस्कार के लिए तरस रहे हैं। फ्लोरिडा के एक के बाद दूसरे मुर्दाघरों से विचलित करने वाली तस्वीरें आ रही हैं। मगर इस सबके बावजूद खुद को प्रगतिशील और लिबरल कहने वाले मीडिया में ये तस्वीर कहीं नजर नही आ रही है। फ्लोरिडा के वेस्ट साइड क्रिमैटोरियम की तस्वीरें हैरान करने वाली हैं। यहां अंतिम संस्कार के लिए शवों की लाइन लगी हुई है। ऐसा यहां पहले कभी नही हुआ। यहां तक कि कोविड की पहली लहर में भी शवो की ऐसी भरमार नही देखी गई। यहां शवों की तादाद इस कदर बढ़ चुकी है कि वे कमरे की जमीन से लेकर छत तक छू चुके हैं। मेडिकल स्टाफ दिन रात काम कर रहा है ताकि वे शवों को सम्मान दिला सकें। जितनी देर में एक डेड बॉडी की एंट्री की जाती है, उतनी ही देर में दर्जनों नए शव पहुंच जाते हैं। परिवार वाले अंतिम संस्कार की जगहों (फ्यूनरल होम्स) में लगातार संपर्क कर रहे है। उन्हें शेड्यूल व्यस्त होने की जानकारी दी जा रही है और अभी प्रतीक्षा करने को कहा जा रहा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि एक शहर के क्रिमैटोरियम दूसरे शहर से जरूरी रेफ्रीजरेशन की सप्लाई मांग रहे हैं ताकि डेड बॉडीज सुरक्षित रखी जा सके।
कई जगहों पर डेड बॉडी हटाने की खातिर कैदियों की मदद ली जा रही है। एल पासो टेक्सास में स्थानीय जेल के कैदियों को प्रति घंटे 2 डॉलर का भुगतान करके यह काम कराया जा रहा है। फ्लोरिडा को अपने नेशनल गार्डस के इस्तेमाल की नौबत आ गयी है ताकि वे मुर्दाघरों और क्रिमेटोरियम के लोड को कम कर सकें।
अमेरिका में एक से बढ़कर एक मीडिया समूह हैं जो खुद को अभिव्यक्ति की आज़ादी का सबसे बड़ा झंडाबरदार बताते हैं। मगर इस तस्वीर पर सब खामोश हैं। किसी की आवाज़ नही निकल रही है। यही मीडिया समूह हैं जो भारत के श्मशानों में जलती चिताओं को देखकर गदगद हुए जा रहे थे। देश को बदनाम करने के अति उत्साही एजेंडे पर लगे हुए थे। देश के भीतर भी टेलीग्राफ, द हिन्दू, वायर, क्विंट, एनडीटीवी जैसे एक पक्ष विशेष का गुणगान करने के लिए कुख्यात मीडिया समूह भी इन तस्वीरों का जमकर इस्तेमाल कर रहे थे। मगर अमेरिका की इन तस्वीरों पर सबको सांप सूंघ गया है। अब किसी की बोलती नही निकल रही है।