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Covid 19: ये क्या, कोरोना रोकने के लिए किम जोंग उन ने दिए देखते ही गोली मारने के आदेश!

Corona Virus: कोरोना(Corona) महामारी फैलाने को लेकर अब कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन(Kim Jong Un) को शक है क‍ि उसके दुश्‍मन नॉर्थ कोरिया(North Korea) में इस महामारी को फैलाने की ताक में हैं।

नई दिल्ली। कोविड -19 (Covid 19) महामारी का एक भी केस न होने का नॉर्थ कोरिया (North Korea) अपने यहां दावा कर रहा है। इसको लेकर उसका तर्क है कि सख्‍त नियमों की वजह से देश में अभी तक कोरोना नहीं फैल पाया है। कोरोना महामारी फैलाने को लेकर अब कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन को शक है क‍ि उसके दुश्‍मन नॉर्थ कोरिया में इस महामारी को फैलाने की ताक में हैं। इसे देखते हुए किम जोंग ने देश में एक नया सख्‍त निर्णय लिया है, जिसके तहत उत्तर कोरिया ने अपनी सीमाओं पर बफर जोन बनाया है। उत्तर कोरिया केंद्रित मीडिया आउटलेट्स ने एक पुलिस आदेश प्राप्त किया है, जिसमें कहा गया है कि उन लोगों को बिना शर्त गोली मार दी जाय जो बिना अनुमति के बफर जोन में प्रवेश करेंगे। बता दें कि उत्तर कोरिया की सीमावर्ती नदियों में या उसके आसपास देखे जाने पर आदेश दिया गया है कि “बिना पूर्व सूचना के गोली मार दी जाएगी।”

Kim Jong Un

हालांकि कानूनी विशेषज्ञों का मत है कि सशस्त्र संघर्ष क्षेत्र के बाहर देखते ही गोली मार देने का आदेश जारी करना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का गंभीर उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा बल का मत है, “बल और आग्नेयास्त्रों के उपयोग से पहले अहिंसक साधनों को लागू करें” और अगर आग्नेयास्त्रों का विधिपूर्वक उपयोग अपरिहार्य है तो अधिकारियों को “ऐसे उपयोग में संयम बरतना चाहिए।”

फिलहाल उत्तर कोरिया के आदेशों को देखते हुए अगर यूएन के रक्षा नियम को देखें तो, देखते ही गोली मार देने के कमांड को अंजाम देने वाले सुरक्षाकर्मियों को हत्याओं के साथ-साथ आदेश देने वाले अधिकारियों को भी इसका उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।

Kim Jong Un

उधर, समझा जाता है कि किम के सुरक्षाबल बफर ज़ोन में बारूदी सुरंग भी बिछा रहे हैं। एक सैन्य सूत्र ने रेडियो फ्री एशिया को बताया, “वे सर्वोच्च कमान के आदेशों के अनुसार, इस महीने की शुरुआत से उत्तर कोरिया-चीन सीमा क्षेत्र में रयांगगंग प्रांत में बारूदी सुरंगें स्थापित कर रहे हैं। उन्हें खानों को तैयार करने में 15 दिन से कम समय लगा, लेकिन इस दौरान एक विस्फोट भी हुआ जिसके तहत लगभग एक दर्जन सैनिक घायल हो गए और कई उसमें दफन भी हो गए।