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ह्यूमन ट्रायल में रही सफल कोरोनावायरस की यह वैक्सीन, जानें सच

Moderna Inc. ने दावा किया है कि उसका पहला ट्रायल सफल हुआ है। इसकी वैक्सीन के जरिए शरीर में एंटीबॉडीज बन रही हैं, जो कोरोना वायरस के हमले को काफी कमजोर बना देती हैं।

वॉशिंगटन। पूरा विश्व महामारी कोरोनावायरस की चपेट में है। हर तरह की गतिविधयों पर लंबे वक्त से रोक लगी हुई है। कोरोनावायरस ने ऐसा कोहराम मचा रखा है कि इसकी वजह से पूरी दुनिया एक साथ नजर आ रही है। दूसरी तरफ कोरोनावायरस दिन प्रतिदिन अपने लक्षणों को बदलता जा रहा है। जिसकी वजह से अब वैज्ञानिकों को इससे जुड़ी रिसर्च करने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। मगर इसके बावजूद भी इसकी वैक्सीन बनाने पर काम चल रहा है। इस वायरस पर काबू पाने के लिए टीके की खोज में कई देश जुटे हुए हैं, जिनमें भारत, अमेरिका, चीन, जर्मनी और फ्रांस शामिल हैं।

इसी बीच Moderna Inc. ने दावा किया है कि उसका पहला ट्रायल सफल हुआ है। इसकी वैक्सीन के जरिए शरीर में एंटीबॉडीज बन रही हैं, जो वायरस के हमले को काफी कमजोर बना देती हैं। हालांकि ये पहला ट्रायल होने के कारण छोटे ग्रुप पर किया गया है लेकिन तब भी डर के इस माहौल में ये पहली बड़ी खबर मानी जा रही है।

कैसे हो रहा है ट्रायल

वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग स्टेज में हो रहा है. इसके तहत देखा जा रहा है कि दवा का शरीर पर कैसा असर होता है और इसमें कितना वक्त लगता है। साथ ही साइड इफेक्ट पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सिएटल में 45 स्वस्थ लोगों पर हुए परीक्षण के दौरान उन्हें वैक्सीन के दो कम मात्रा वाले शॉट्स दिए गए। इस दौरान उनके शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडीज दिखाई दीं। ये नतीजे पहले अप्रूव हो चुके किसी टिपिकल वैक्सीन की तरह ही दिख रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में कंपनी के CEO स्टीफन बेंसल ने बताया कि एंटीबॉडी का बनना एक अच्छा लक्षण है जो वायरस को बढ़ने से रोक सकता है। बता दें कि मॉडर्ना जनवरी से ही इस वैक्सीन पर काम कर रही है, जबसे चीन के विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस का जीनोम सीक्वेंस अलग किया था।

corona vaccine

क्या दिखे साइड इफेक्ट

किसी भी वैक्सीन की तरह इसके भी मामूली दुष्परिणाम फिलहाल दिखे हैं। जैसे एक व्यक्ति जिसे वैक्सीन का बड़ा डोज दिया गया था, उसमें बुखार, मांसपेशियों में तेज दर्द जैसे लक्षण दिखे। वहीं एक व्यक्ति, जिसे मिडिल डोज मिला था, उसके शरीर में जहां इंजेक्शन लगा था, उसके आसपास की त्वचा लाल हो गई। इसके अलावा ज्यादातर में बुखार, उल्टियां, मसल पेन, सिरदर्द जैसे साइड इफेक्ट दिखे। ये सारे ही लक्षण लगभग एक दिन में ठीक हो गए।

कब होगा दूसरे चरण का ट्रायल

माना जा रहा है कि ये जुलाई के आसपास होगा, हालांकि कंपनी का कहना है कि वे इसे जल्दी से जल्दी करने की कोशिश करेंगे। ये 600 लोगों पर होगा. इसमें वैक्सीन की अलग-अलग डोज देकर देखा जाएगा कि कम से कम साइड इफेक्ट के साथ वैक्सीन की कितनी मात्रा तय की जानी चाहिए। वैसे आमतौर पर पहले चरण के ट्रायल के बारे में इतनी चर्चा नहीं की जाती है लेकिन चूंकि कोरोना से पूरी दुनिया प्रभावित है और किसी सकारात्मक खबर के इंतजार में है, इसलिए मॉडर्ना ने फर्स्ट ट्रायल के बारे में भी विस्तार में बताया।