लिपजिग। वह साल भर पहले तक अफगानिस्तान के आईटी मंत्री हुआ करते थे। नाम है सैयद अहमद शाह सआदत। अब वह हर रोज सुबह पिज्जा कंपनी की यूनिफॉर्म पहनते हैं और साइकिल पर चल पड़ते हैं घरों में डिलीवरी करने। रात तक काम करते हैं। फिर घर लौटकर खाना खाते हैं। सआदत ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ये काम करना होगा। अफगानिस्तान में आईटी मंत्री के तौर पर उन्होंने मोबाइल फोन को बढ़ावा दिया था। अब उनका पेशा बदल गया है।
टीवी चैनल अल-जजीरा के मुताबिक सैयद अहमद शाह सआदत काबुल छोड़कर जर्मनी के लिपजिग शहर में आ बसे हैं। राष्ट्रपति अशरफ गनी से मतभेदों की वजह से उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया था। जब उन्होंने हालात खराब होते देखे, तो अफगानिस्तान छोड़कर जर्मनी में शरण ली। एक वक्त बाद उनके पास पैसों की कमी होने लगी। इसके बाद उन्होंने नौकरी करने की सोची। सआदत को नौकरी मिली पिज्जा कंपनी में। इस काम को करने में उन्हें कोई शर्म नहीं आई और पिज्जा डिलीवरी कर अब वह अपने और परिवार के लिए दो वक्त का भोजन और मकान का किराया निकाल लेते हैं।
وزير الاتصالات والتكنولوجيا الأفغاني السابق سيد أحمد سادات يلجأ لمهنة توصيل طلبات الطعام على متن دراجة هوائية في مدينة لايبزيغ الألمانية التي وصلها نهاية عام 2020، بعد تخليه عن منصبه pic.twitter.com/zfFERbqCmD
— قناة الجزيرة (@AJArabic) August 24, 2021
उधर, सआदत की नजर अपने देश के मौजूदा हाल पर भी हमेशा रहता है। उन्हें पता चला है कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार के कई मंत्रियों के नाम का एलान किया है। किसी समय तालिबान के कट्टर विरोधी रहे गुल आगा शेरजई को वित्तमंत्री बनाया गया है। शेरजई पहले कंधार और फिर नंगरहार के गवर्नर रहे।
तालिबान ने मुल्ला सखाउल्लाह को कार्यवाहक शिक्षा मंत्री और अब्दुल बारी को उच्च शिक्षा मंत्री बनाया है। सदर इब्राहिम को अंतरिम गृह मंत्री और मुल्ला शिरीन को काबुल का गवर्नर और हमदुल्ला नोमानी को काबुल का मेयर बनाया गया है। सआदत बस ये चाहते हैं कि किसी तरह उनका मुल्क दहशत से बचा रहे। बाकी तालिबान से दूर वह अपनी जिंदगी फिलहाल ठीक-ठाक गुजार ही रहे हैं।