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फ्रांस ने भारत के साथ निभाई दोस्ती, सुरक्षा परिषद में कश्मीर पर दिया भारत का साथ, फेल हो गई चीन की साजिश

Kashmir Issue: फ्रांस (France) ने एक बार फिर भारत (India) के साथ दोस्ती निभाई है। कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) पर फ्रांस ने भारत का समर्थन करते हुए चीन को तगड़ा दिया, साथ ही ड्रैगन को जमकर खरी खोटी भी सुनाई।

नई दिल्ली। फ्रांस (France) ने एक बार फिर भारत (India) के साथ दोस्ती निभाई है। कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) पर फ्रांस ने भारत का समर्थन करते हुए चीन को तगड़ा दिया, साथ ही ड्रैगन को जमकर खरी खोटी भी सुनाई। दरअसल फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) के कूटनीतिक सलाहकार ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि फ्रांस, कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थक रहा है। फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन को कोई ‘प्रक्रियागत खेल’ खेलने की अनुमति नहीं दी। आपको बता दें कि फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक वार्षिक संवाद के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति के सलाहकार इमैनुएल बोन भारत दौरे पर आए हुए है।

Narendra Modi and Emmanuel Macron

इमैनुएल बोन (Emmanuel Bonne) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत के समक्ष प्रत्यक्ष खतरे को लेकर हम हमेशा बहुत स्पष्ट रहे हैं. चाहे वह कश्मीर ही क्यों ना हो, हम सुरक्षा परिषद में भारत के प्रबल समर्थक रहे हैं, हमने चीन को किसी भी तरह का प्रक्रियात्मक खेल खेलने नहीं दिया। जब बात हिमालय के क्षेत्रों की आती है, तो आप हमारे बयानों की जांच कर लें, हम पूरी तरह से स्पष्ट रहे हैं। हम सार्वजनिक रूप से क्या कहते हैं, उसमें कोई अस्पष्टता नहीं है।

फ्रांसीसी नौसेना के ताईवान जलडमरूमध्य में गश्त करने वाली एक मात्र यूरोपीय नौसेना होने का जिक्र करते हुए इमैनुएल बोन ने कहा कि यह उकसावे के तौर पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर डालने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि हमें टकराव की ओर नहीं बढ़ना है, हमें संतुलन बनाकर चलना है। ताकि सबकुछ शांति के साथ हो सके।

विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआइएफ) द्वारा आयोजित ‘फ्रांस और भारत: स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के साझेदार’ विषय पर अपने संबोधन में इमैनुएल बोन ने कहा कि फ्रांस क्वाड (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का समूह) के करीब है और भविष्य में उनके साथ कुछ नौसैनिक अभ्यास भी कर सकता है।

भारत के लिए गर्व का पल, इस खास वजह से सुरक्षा परिषद में फिर लहराया तिरंगा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुछ ऐसा हुआ कि हर भारतीय के लिए गौरवपूर्ण क्षण बन गया। बता दें कि UN में एक बार फिर भारतीय तिरंगा लहरा उठा। गौरतलब है कि ऐसा होने के पीछे भारत का दुनिया के इस शक्तिशाली समूह में एकबार फिर दो दो सालों के लिए अस्थायी सदस्य बनना है।  बता दें कि भारत के अस्थायी तौर पर कार्यकाल शुरू होने पर तिरंगे को लहराया गया। तिरंगा लगाने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत आतंकवाद जैसे मानवता के दुश्मनों के खिलाफ आवाज उठाने कभी पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों की आवाज भारत हमेशा उठाता रहेगा। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत आठवीं बार अस्थायी सदस्य बना है। वहीं भारत के अलावा अस्थायी सदस्य के तौर पर नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मैक्सिको के झंडे भी इस विशेष समारोह के दौरान लगाए गए। भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मैक्सिको अस्थायी सदस्य बने हैं।

UN India

वे अस्थायी सदस्यों इस्टोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडा, ट्यूनिशिया, वियतनाम तथा पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ इस परिषद् का हिस्सा होंगे। बता दें कि साल की शुरुआत में ही भारत की सदस्यता को दो साल के बढ़ाया गया है।

बता दें कि अगस्त 2021 में भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का अध्यक्ष होगा और फिर 2022 में एक महीने के लिए परिषद् की अध्यक्षता करेगा। इस परिषद् का अध्यक्ष हर सदस्य एक महीने के लिए बनता है, जो देशों के अंग्रेजी वर्णमाला के नाम के अनुसार तय किया जाता है। झंडा लगाने की परंपरा की शुरुआत कजाकिस्तान ने 2018 में शुरू की थी।