newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

PEGASUS मामले के बाद फिर चर्चा में GEORGE SOROS, जानिए आखिर इस शख्स का मोदी सरकार से क्या है लेना-देना

Pegasus Case: भारत में नरेंद्र मोदी ओपन सोर्स फाउंडेशन के निशाने पर हैं। आखिर इस ओपन सोर्स फाउंडेशन और जॉर्ज सोरोस का रिश्ता क्या है? इस सवाल का जवाब है कि सोरोस ने इस फाउंडेशन को काफी पैसा दिया है और देते हैं। तो क्या सोरोस का काम राष्ट्रवादी सरकारों का विरोध करना है?

नई दिल्ली। पेगासस स्पाइवेयर से नजरदारी का आरोप लगाकर विपक्ष ने संसद में हंगामा कर रखा है। मोदी सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाया जा रहा है। यह खबर हर रोज सुर्खियों में बनी हुई है। इसी खबर के साथ एक शख्स का नाम फिर चर्चा में है। यह नाम है जॉर्ज सोरोस का। अमेरिकी खरबपति जॉर्ज सोरोस आखिर कौन सी बला हैं और किन वजहों से चर्चा में हैं, ये आपको बताते हैं। एक संस्था है। नाम है ओपन सोर्स फाउंडेशन। कहने को यह एक एनजीओ है, लेकिन इस संस्था का काम है राष्ट्रवाद के खिलाफ हर तरह की कोशिश करना। हर उस देश को यह एनजीओ निशाने पर रखता है, जहां राष्ट्रवादी विचारधारा पनपती है। अमेरिका में ट्रंप इस संस्था के निशाने पर रह चुके हैं।

GEORGE SOROS

भारत में नरेंद्र मोदी ओपन सोर्स फाउंडेशन के निशाने पर हैं। आखिर इस ओपन सोर्स फाउंडेशन और जॉर्ज सोरोस का रिश्ता क्या है? इस सवाल का जवाब है कि सोरोस ने इस फाउंडेशन को काफी पैसा दिया है और देते हैं। तो क्या सोरोस का काम राष्ट्रवादी सरकारों का विरोध करना है? इस सवाल का जवाब है हां। पिछले साल यानी 2020 में खुद सोरोस ने दावोस में कहा था कि भारत ने लोकतांत्रिक तरीके से सरकार चुनी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने देश को राष्ट्रवाद की ओर धकेल दिया।

Narendra Modi

जॉर्ज सोरोस सिर्फ इतना ही नहीं करते। वह राष्ट्रवाद की भावना के खिलाफ वामपंथी विचारधारा का समर्थन करने वाले मीडिया संस्थानों को पैसा भी देते हैं। सोरोस से पैसे पाने वालों में वॉशिंगटन पोस्ट भी है, न्यूयॉर्क टाइम्स भी है और कई अन्य मीडिया संस्थान भी है। जाहिर है, इन विदेशी अखबारों में आपको मोदी और मौजूदा भारत की रूपरेखा के विरोध में खबरें और आर्टिकल मिल जाएंगे। जॉर्ज सोरोस का नाम यहीं आकर नहीं रुकता। वह बराक ओबामा के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के दौरान 10 लाख डॉलर की मदद कर चुके हैं। हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था, तो सोरोस ने उनके चुनाव प्रचार के लिए 80 लाख डॉलर खर्च किए थे।

George Soros and obama

अब बात पेगासस और सोरोस के रिश्ते की। ऊपर आप पढ़ चुके हैं कि तमाम मीडिया संस्थान जॉर्ज सोरोस से पैसा लेते हैं। बस यही पेगासस से उनके रिश्ते का खुलासा करता है। पेगासस मामले को उछालने वाले मीडिया संस्थान और ओपन सोर्स फाउंडेशन, सोरोस की ही देन हैं। अब जरा जॉर्ज सोरोस का एक और इरादा भी जान लीजिए। ये साहब तमाम देशों में उच्च शिक्षण संस्थान खोलना चाहते हैं। इन संस्थानों की खासियत होगी कि वे छात्रों को राष्ट्रवादियों से लड़ने का तरीका सिखाएंगे। यानी कुल मिलाकर दुनियाभर के राष्ट्रवादी जॉर्ज सोरोस की दुश्मनों की लिस्ट में शामिल हैं।