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Sheikh Hasina Again PM: लगातार चौथी बार बांग्लादेश की पीएम होंगी भारत की समर्थक शेख हसीना, अवामी लीग ने संसदीय चुनाव में दर्ज की जीत

Sheikh Hasina Again PM: शेख हसीना ने रविवार को संसदीय चुनाव में वोट डालने के बाद भारत की जमकर तारीफ की थी। शेख हसीना ने कहा था कि भारत जैसा पड़ोसी होना खुशकिस्मती की बात है। शेख हसीना ने ये भी कहा था कि जब परिवार के लोगों की हत्या बांग्लादेश में हुई, तो भारत ने उनको और बहन को शरण दी थी।

ढाका। बांग्लादेश से भारत के लिए अच्छी खबर है। वहां भारत समर्थक अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना लगातार चौथी बार सरकार बनाने जा रही हैं। विपक्षी बीएनपी और उसके गठबंधन ने बांग्लादेश में हुए संसदीय चुनाव का बहिष्कार किया था। खबर अब ये है कि शेख हसीना की अवामी लीग ने 300 सदस्यीय बांग्लादेश संसद में 224 सीटों पर जीत दर्ज की है। निर्दलीयों को 62 सीटों पर जीत हासिल हुई है। जातीय पार्टी ने 4 सीटों पर कब्जा जमाया है और अन्य के खाते में 1 सीट आई है। इस तरह शेख हसीना अब लगातार चौथी बार पीएम बनेंगी। वो इसके साथ ही बांग्लादेश की ऐसी पीएम होंगी, जिसने 5 बार सरकार चलाई। इससे पहले शेख हसीना 1991 से 1996 तक बांग्लादेश की पीएम रह चुकी हैं।

शेख हसीना ने अपने संसदीय क्षेत्र गोपालगंज-3 से बड़े अंतर से जीत हासिल की है। शेख हसीना को 249965 वोट हासिल हुए। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को महज 469 वोट ही मिल सके। इस सीट से शेख हसीना 8वीं बार संसदीय चुनाव जीत चुकी हैं। शेख हसीना ने रविवार को संसदीय चुनाव में वोट डालने के बाद भारत की जमकर तारीफ की थी। शेख हसीना ने कहा था कि भारत जैसा पड़ोसी होना खुशकिस्मती की बात है। शेख हसीना ने ये भी कहा था कि जब उनके परिवार के लोगों की हत्या बांग्लादेश में हुई, तो भारत ने उनको और बहन को शरण दी थी। शेख हसीना ने भारत के लोगों को शुभकामनाएं भी दी थीं। उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश संप्रभु और आजाद है और लोकतंत्र यहां बना रहेगा।

उधर, बांग्लादेश में अब शेख हसीना की सरकार के एक बार फिर चुने जाने से निश्चित तौर पर भारत के लिए अच्छी खबर है। भारत और बांग्लादेश के बीच शेख हसीना सरकार के दौरान बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं। जबकि, इससे पहले जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की सरकार थी, उस वक्त पीएम रहीं खालिदा जिया के दौर में भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बहुत खराब हुए थे। खालिदा जिया ने दरअसल जमात-ए-इस्लामी से गठबंधन कर रखा है और ये गठबंधन हमेशा भारत विरोधी रहा है। वो भी तब, जबकि बांग्लादेश की आजादी में भारत की अहम भूमिका रही है।