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Hypersonic Missile: रूस का यूक्रेन पर हाइपरसोनिक मिसाइल अटैक, जानिए कितनी तबाही मचा सकती है ये मिसाइल, क्या भारत के पास भी है ऐसी क्षमता?

Hypersonic Missile: रूस और यूक्रेन की जंग बीते 25 दिनों से जारी है। अब ये जंग महायुद्ध में तब्‍दील हो चुकी है। शनिवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के खिलाफ महाविनाशक हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हाइपरसोनिक एरोबैलिस्टिक मिसाइल अटैक से यूक्रेन का हथियारों से भरा अंडरग्राउंड स्टेशन तबाह हो गया है।

नई दिल्ली। रूस ने यूक्रेन पर अपनी सबसे खतरनाक हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल से अटैक किया है। इस अटैक में यूक्रेन की सेना का हथियारों का डिपो नष्ट हो गया है। रूस और यूक्रेन की जंग बीते 25 दिनों से जारी है। अब ये जंग महायुद्ध में तब्‍दील हो चुकी है। शनिवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के खिलाफ महाविनाशक हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हाइपरसोनिक एरोबैलिस्टिक मिसाइल अटैक से यूक्रेन का हथियारों से भरा अंडरग्राउंड स्टेशन तबाह हो गया है। रूस यूक्रेन जंग में ऐसा पहली बार हुआ है, जब हाइपरसोनिक हथियारों का इस्‍तेमाल किया गया हो। हाल ही में दुनिया की महाशक्तियों के बीच हाइपरसोनिक मिसाइल हासिल करने की होड़ की खबरे सुर्खियों में थी। खासकर अमेरिका और चीन में इस मिसाइल को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही थी। तो आप भी जान लीजिए की आखिर क्‍या है हाइपरसोनिक मिसाइल और क्‍यों ये इतनी खतरनाक है?

कितनी पावरफुर है यह मिसाइल

किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल करीब 2000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। किंझल मिसाइल विस्‍फोटक के अलावा 500 किलोटन के परमाणु बम के साथ उड़ान भर सकती है। ये परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 33 गुना ज्‍यादा शक्तिशाली हो सकते हैं। किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल 3 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से हमला करती है। इसके सामने अत्‍याधुनिक एयर‍ डिफेंस सिस्‍टम भी फेल साबित होते हैं। इस हाइपसोनिक मिसाइल में सेंसर और रेडॉर सीकर लगे हैं जो उसे जमीन से लेकर समुद्र तक में सटीक हमला करने की ताकत देते हैं। यह मिसाइल आवाज से 10 गुना ज्‍यादा स्‍पीड से उड़ान भरने में सक्षम हैं।

भारत के पास हाइपरसोनिक हथियार की तकनीक

भारत भी हाइपरसोनिक हथियारों के तकनीक पर काम कर रहा है। भारत इसका परीक्षण भी कर चुका है। डीआरडीओ ने 2020 में मानवरहित स्क्रैमजेट का हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण किया था। इसकी गति 7500 किलोमीटर प्रति घंटा की थी, लेकिन भविष्य में इसे बढ़ाया या घटाया भी जा सकता है।