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London: यूपी के बांदा से चोरी होकर लंदन पहुंची थी योगिनी, 8वीं सदी की मूर्ति एक मकान से बरामद

मूर्ति करीब 8वीं सदी में बनी है। इसे लोखारी गांव के मंदिर से 1980 के दशक में चुराया गया था। मूर्ति लंदन में एक व्यक्ति के बाग में रखी हुई थी। इस मूर्ति की तलाश विजय कुमार और क्रिस मैरिनेलो नाम के व्यक्तियों ने की थी।

लंदन। यूपी के बांदा जिले के लोखारी गांव से चोरी गई प्राचीन योगिनी की मूर्ति लंदन से वापस भारत लाई जा रही है। इस मूर्ति को भी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिशों से वापस लाया जा रहा है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग ने मूर्ति को भारत भेजे जाने की पुष्टि कर दी है। मूर्ति करीब 8वीं सदी में बनी है। इसे लोखारी गांव के मंदिर से 1980 के दशक में चुराया गया था। मूर्ति लंदन में एक व्यक्ति के बाग में रखी हुई थी। इस मूर्ति की तलाश विजय कुमार और क्रिस मैरिनेलो नाम के व्यक्तियों ने की थी। दोनों ने इसकी जानकारी भारत को दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने ब्रिटिश सरकार से मूर्ति को वापस करने के लिए बातचीत की और अब ये मूर्ति वापस लौट रही है।

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क्रिस मैरिनेलो एक वकील हैं और चोरी गई मूर्तियों को तलाशने वाली संस्था आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल के संस्थापक हैं। उन्हें योगिनी की मूर्ति का पता उस वक्त चला, जब घर की मालिकन के पति की मौत के बाद मकान बेचने का इश्तेहार दिया गया। उस इश्तेहार में मूर्ति के बारे में भी जानकारी दी गई थी। मैरिनेलो ने इसके बाद इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के सह संस्थापक विजय कुमार से संपर्क किया। उन्होंने मूर्ति की पहचान की और तमाम जानकारियां जुटाईं। इससे पता चला कि मूर्ति यूपी के बांदा से चोरी हुई थी। मैरिनेलो ने एक टीवी चैनल को बताया कि मकान मालकिन से उन्होंने बात की। जिसके बाद लंदन में अपने दफ्तर तक मूर्ति को लाए। उसके बाद भारत सरकार की पहल से मूर्ति वापस बांदा लौट रही है।

chris marinello

मैरिनेलो ने बताया कि करीब 30 साल पहले इस मूर्ति की नीलामी की भी कोशिश हुई थी। उन्होंने कहा कि भारत से प्राचीन मूर्तियों की चोरी कर ऊंचे दामों पर विदेश में बेचा जाता है। जबकि, स्थानीय लोग इन्हें पूजते हैं। उनकी भावनाएं और विश्वास इन मूर्तियों से जुड़ी होती हैं और मूर्ति चोर और उनसे खरीदारी करने वाले लोग इसके बारे में सोच भी नहीं सकते। उन्होंने कहा कि जब भी मैं देखता हूं कि लोग मूर्तियों के वापस मिलने से खुशी मना रहे हैं, तो मैं जानता हूं कि इनका लोगों के लिए क्या मतलब है। मैरिनेलो ने कहा कि लोगों को दोबारा खुश करने के लिए वो छोटा प्रयास ही कर रहे हैं और आने वाले दिनों में और भी चुराई गई मूर्तियां मिलने की उम्मीद है।