नई दिल्ली। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महेंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। पिछले काफी दिनों से ही उनकी कुर्सी पर खतरे के बादल मंडरा रहे थे, जो कि आज हकीकत में तब्दील हो गए। ध्यान रहे कि पिछले कई माह से श्रीलंका में आर्थिक बदहाली अपने चरम पर पहुंच चुके हैं , जिसे देखते हुए उनसे लगातार इस्तीफा मांगा जा रहा था और आज आखिरकार उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि लोग सड़कों पर उतरक महेंदा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। आज विपक्षी दलों की तरफ से भी अंतरिम सरकार बनाने की भी मांग की गई थी। वर्तमान में श्रीलंका में अपातकाल लागू है। भारत की तरफ से लगातार श्रीलंका को मदद पहुंचाने का सिलसिला जारी है। अब ऐसी स्थिति में श्रीलंका में आगामी दिनों में राजनीतिक व आर्थिक स्थिति क्या कुछ रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
Sri Lankan Prime Minister Mahinda Rajapaksa resigns: Local media#SriLanka
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— ANI (@ANI) May 9, 2022
वहीं, महिंदा राजपक्षे के बाद अब उनके मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री प्रोफेसर चन्ना जयसुमना ने भी अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है। ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों से आर्थिक बदहाली से गुजर रहे श्रीलंका और हाल ही में हुए हिंसक झड़पों के बीच प्रधानमंत्री ने अपना इस्तीफा सौंपा है। बता दें कि राजधानी कोलंबो में आर्थिक बदहाली को लेकर हिंसा झड़प की खबरें सामने आई थी। इस हिंसक झड़प में 16 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई थी। कोलंबो में स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया था। ध्यान रहे कि बीते दिनों विगत 6 मई को राष्ट्रपति की तरफ से श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा की गई थी। बता दें कि बीते 4 अप्रैल को भी आपातकाल की घोषणा की गई थी। ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों से लगातार राजपक्षे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। देश में बिगड़ती आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विपक्षी दलों की तरफ से राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लगाया गया था। श्रीलंका की राजनीतिक अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए विपक्षी दलों की तरफ अब अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया जा रहा है। अब ऐसी स्थिति में यह देखने होगा कि आगामी दिनों में श्रीलंका में स्थिति क्या कुछ रुख अख्तियार करता है।
श्रीलंका की चरमराई अर्थव्यवस्था
बता दें कि श्रीलंका में कई माह से आर्थिक गतिविधियां चरमराई हुई है। श्रीलंका में 30 रूपए में अंडा और आलू खऱीदने के लिए 380 रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमत भी आसमान छू रही है। जिसे लेकर लोगों का रोष अपने चरम पर पहुंच चुका है। जिसके बाद राजपक्षे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। अब अंतरिम सरकार बनाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।