नई दिल्ली। अफ्रीका के सबसे गरीब देशों में शुमार सूडान एक बार फिर गृहयुद्ध की आग में जल रहा है। लेकिन इस बार सूडान का युद्ध भारत के लिए भी बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि भारतीय मूल के तमाम लोग वहां फंसे हुए हैं। इसके चलते ही बीते दिनों कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच ट्विटर पर भी खूब जोरदार बहस देखने को मिली थी। लेकिन भारत सरकार युद्ध की शुरुआत से ही लगातार अपने नागरिकों से जुडी हुई थी, और अब भारत सरकार ने मिशन कावेरी को भी शुरू कर दिया है। जिससे सूडान में फंसे करीब 500 लोगों को अभी तक फ़्रांस की मदद से पोर्ट तक पहुंचाया गया है। सूडान में हालत बेहद खराब है, सड़कों पर लाशें पड़ी हैं। लोग बेहाल हैं उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि ऐसी भयानक परिस्थिति से कैसे बाहर निकला जाए जहां लोग सड़कों पर हथियार लेकर घूम रहे हैं।
Operation Kaveri gets underway to bring back our citizens stranded in Sudan.
About 500 Indians have reached Port Sudan. More on their way.
Our ships and aircraft are set to bring them back home.
Committed to assist all our bretheren in Sudan. pic.twitter.com/8EOoDfhlbZ
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 24, 2023
आपको बता दें कि अफ्रीकी देश सूडान में मिशन कावेरी के बारे में जानकारी देते हुए इस बारे में सोमवार (24 अप्रैल) को विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चल रहा है। लगभग 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं जबकि अन्य अभी लाए जा रहे हैं।
गौर करने वाली बात ये है कि सूडान में युद्ध और वहां फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर पहले भी देश में खूब सियासी बयानबाजी हुई थी, क्योंकि सिद्धरमैया ने ये कहा था कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे लिखा कि हम सूडान में अपने नागरिकों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे विमान और शिप उन्हें वापस लाने के लिए तैयार हैं। वहीं फ्रांस ने हिंसाग्रस्त सूडान से निकासी अभियान के तहत 5 भारतीय नागरिकों सहित 28 देशों के नगरिकों को बाहर निकाला है। भारत के इस मिशन में फ़्रांस ने भी आगे बढ़कर मदद की है।