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सऊदी अरब को दी धमकी से पलटे पाक विदेश मंत्री, अब कही ये बात

पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक ओआईसी(OIC) की बैठक न होने के पीछे एक बड़ी वजह सऊदी अरब है। सऊदी अरब ओआईसी के जरिए भारत(India) को कश्‍मीर(Kashmir) पर चित करने की पाकिस्‍तानी(Pakistan) चाल में साथ नहीं दे रहा है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान ने चीन का साथ मिलने से खुद की औकात भूलकर कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब और ओआईसी को धमकी दे डाली थी। जिसके बाद बयान देने वाले पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अब अपने बयान से पलट गए हैं। माना जा रहा है कि कुरैशी के इस बयान बदलने के पीछे पाक आर्मी का दबाव है।

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कुरैशी ने अब अपना बयान बदलते हुए कहा है कि, ‘सऊदी अरब और पाकिस्‍तान के बीच दिलों का रिश्‍ता है। उन्‍होंने सऊदी अरब के अपने 3 अरब डॉलर वापस मांगने को भी मीडिया अटकल बताकर खारिज कर दिया। कुरैशी के इस सुर में बदलाव सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के सऊदी अरब से खाली हाथ लौटने के बाद आया है।’

सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्तों में आई दरार की खबर को खारिज करते हुए पाक विदेश मंत्री ने कहा कि, सऊदी अरब के साथ उनके संबंध पहले जैसे ही मजबूत हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि कश्‍मीर पर सऊदी अरब के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्‍होंने सऊदी अरब के पैसे मांगने के सवाल पर कहा, ‘यह सब अटकल है। इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है।’

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कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्‍तान और सऊदी अरब के बीच दिलों का नाता है जिसका उद्देश्‍य शांति है। माना जा रहा है कि चीन और तुर्की के इशारे पर नाच रहे कुरैशी सेना के दबाव के बाद अपने सुर को बदलने को मजबूर हुए हैं। दरअसल, कुरैशी की धमकी के बाद सऊदी अरब को मनाने के लिए गए पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और ISI चीफ रियाद गए थे लेकिन दोनों को खाली हाथ घर लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि सऊदी अरब अभी भी पाकिस्‍तान से अपने पैसे वापस मांग रहा है। आलम यह रहा कि जनरल बाजवा ने सऊदी अरब से रिश्‍तों में आए टकराव को दूर करने के लिए सैन्‍य मदद को बढ़ाने का ऑफर दिया लेकिन सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान ने उन्‍हें बिना मिले ही लौटा दिया। सऊदी अरब और पाकिस्‍तानी आर्मी चीफ के रिश्‍तों में आए इस ताजा तनाव की वजह बने शाह महमूद कुरैशी। इसी वजह से कुरैशी मीडिया से भागे-भागे फिर रहे थे।

वहीं पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक ओआईसी की बैठक न होने के पीछे एक बड़ी वजह सऊदी अरब है। सऊदी अरब ओआईसी के जरिए भारत को कश्‍मीर पर चित करने की पाकिस्‍तानी चाल में साथ नहीं दे रहा है। दरअसल, ओआईसी में किसी भी कदम के लिए सऊदी अरब का साथ सबसे ज्‍यादा जरूरी होता है। ओआईसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। कुरैशी ने कहा, ‘हमारी अपनी संवेदनशीलता है। आपको यह समझना होगा। खाड़ी देशों को यह समझना होगा।’ कंगाल पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री की इस धमकी के बाद इस्‍लामाबाद से लेकर सऊदी अरब तक में बवाल मच गया।

इससे पहले कुरैशी की धमकी से तमतमाए सऊदी ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 6.2 बिलियन डॉलर की फाइनेंशियल डील को रद्द कर दिया और उधार तेल-गैस देने पर भी रोक लगा दी। कंगाली के दहलीज पर खड़े पाकिस्तान को सऊदी अरब का कर्ज को चुकाने के लिए चीन से कर्ज लेना पड़ा। पाकिस्तान ने सऊदी अरब को 3 बिलियन डॉलर कर्ज के बदले 1 बिलियन डॉलर की राशि वापस की। सऊदी अरब अभी बाकी पैसा भी पाकिस्‍तान से मांग रहा है।

Shah Mohammad Qureshi imran khan

इसी संकट से बचने के लिए पाक आर्मी चीफ सऊदी अरब गए थे लेकिन एक बार फिर से कुरैशी ने इस बेहद अहम यात्रा को फेल कर दिया। बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय आर्मी चीफ बाजवा रियाद में सऊदी रक्षा मंत्री को मना रहे थे, उस समय शाह महमूद कुरैशी कतर के राजदूत से इस्‍लामाबाद में मुलाकात कर रहे थे। इन दिनों सऊदी अरब और कतर के बीच काफी विवाद चल रहा है। कुरैशी की यह मुलाकात सऊदी प्रशासन को रास नहीं आई। नतीजा यह रहा है कि पाकिस्‍तानी आर्मी चीफ को खाली हाथ पाकिस्‍तान लौटना पड़ा।