काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान ने 15 अगस्त को कब्जा कर लिया था। इसके बाद उसने कहा कि जल्दी ही सरकार का गठन करेंगे। सरकार का एलान करने के लिए बीते शुक्रवार का दिन तय किया गया था, लेकिन सरकार का एलान नहीं हुआ। कभी कहा गया कि अखुंदजादा को सरकार की कमान सौंपी जाएगी, तो कभी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम तालिबान की ओर से सामने आया। अब पता चला है कि अफगानिस्तान में तालिबान के गुट आपस में ही झगड़ रहे हैं। ऐसा ही एक झगड़ा हुआ। जिसमें पाकिस्तान परस्त हक्कानी नेटवर्क के तालिबान ने जमकर फायरिंग की। इस फायरिंग में मुल्ला बरादर के घायल होने की खबर है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
हक्कानी नेटवर्क को सबसे खूंखार माना जाता है। लोगों की जान लेने में ये संगठन कतई गुरेज नहीं करता। पाकिस्तान की शह पर पलने वाले हक्कानी नेटवर्क का एक बड़ा आतंकवादी बीते दिनों काबुल की एक मस्जिद में पहुंचा था। वहां उसने हक्कानी बंधुओं और तालिबान के लिए लोगों को शपथ दिलाई थी। इस आतंकी पर अमेरिका ने 5 करोड़ डॉलर का इनाम भी रखा है। तभी से इन चर्चा शुरू हो गई कि तालिबान में आपस में गुटबाजी बढ़ सकती है।
Gunfire last night in Kabul was a power struggle between two senior Taliban leaders. Forces loyal to Anas Haqqani and Mullah Baradar fought over a disagreement on how to resolve the #Panjshir situation. Mullah Baradar was reportedly injured and is receiving treatment in Pakistan. pic.twitter.com/LorfFtJJuG
— Panjshir Observer (@PanjshirObserv) September 4, 2021
अब मुल्ला बरादर के घायल होने के बाद लग रहा है कि तालिबान की सरकार का एलान जल्दी नहीं हो सकेगा। बरादर तालिबान के टॉप 7 नेताओं में शामिल है। वह पाकिस्तान की जेल में 6 साल रहा है। बीते दिनों पाकिस्तान ने उसे रिहा कर दिया था। अमेरिका ने बरादर को भी अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर रखा है, लेकिन फिलहाल अफगानिस्तान में उसके रोल को लेकर बाइडेन सरकार चुप्पी साधे हुए है।