नई दिल्ली। इंडोनेशिया में एक मुस्लिम महिला को अपना एक वीडियो शेयर करना भारी पड़ गया। महिला पर आरोप है कि उसने ईश निंदा की। अब इसी मामले में उन पर ईशनिंदा कानून के तहत कार्यवाही की गई है और दो साल की कैद की सजा सुनाई गई है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो को लेकर खुद पर हुई कार्यवाही से खुद मुस्लिम महिला हैरान है। महिला का कहना है कि वो इंडोनेशिया की अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले से हैरान हैं। तो चलिए जानते हैं क्या होता है ईशनिंदा कानून…
क्या है पूरा मामला
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि मुस्लिम महिला लीना लुतफियावती ने टिकटॉक पर एक वीडियो शेयर किया था। ये वीडियो उनकी बाली की यात्रा के दौरान का था। वीडियो में लीना लुतफियावती सूअर का मांस खाते हुए नजर आ रही थी। आरोप है कि लीना लुतफियावती ने सूअर का मांस खाने से पहले इस्लामी प्रार्थना पढ़ी। सूअर का मांस खाने से पहले इस्लामी प्रार्थना पढ़ने को लेकर ही वो विवादों में घिर गई हैं। इस वीडियो को देखने के बाद उनके खिलाफ ईशनिंदा का आरोप लगा है। इस मामले में लीना लुतफियावती के खिलाफ सुमात्रा द्वीप की पालेमबांग जिला अदालत में मुकदमा चलाया गया। इस दौरान अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई है। सजा के अलावा लीना लुतफियावती पर 250,000,000 इंडोनेशियाई रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर वो इन रुपयों को नहीं भरती हैं तो उन पर लगी सजा को 3 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
कौन है लीना लुतफियावती ?
आपको बता दें कि लीना लुतफियावती की उम्र 33 साल है। वो सोशल मीडिया पर लीना मुखर्जी के नाम से भी मशहूर हैं। अब उनके खिलाफ धार्मिक समूहों के खिलाफ नफरत भड़काने का आरोप लगा है।
क्या होता है ईशनिंदा ?
ईश निंदा का सीधे शब्दों में अर्थ ईश्वर की निंदा करना होता है। ये कानून पाकिस्तान, सऊदी अरब, ईरान, मिस्र, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों में देखने को मिलता है। पाकिस्तान, ईरान और सऊदी अरब में तो इस कानून का सख्ती से पालन किया जाता है। अगर इन नियमों का उल्घ्न किया जाता है तो पाकिस्तान, ईरान और सऊदी अरब में तो मौत की सजा भी दी जाती है। इस कानून के तहत अगर कोई ईश्वर की निंदा करता है, धार्मिक भावनाओं को आहत करता है या फिर धार्मिक प्रतिष्ठान में परेशानी खड़े करने जैसे काम करने पर सजा दी जाती है।