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Pakistan: कब सुधरेगा पाकिस्तान! अब भारतीय राजनयिक को वीजा देने से किया इनकार

India Pakistan: मोदी सरकार(Modi Government) ने 370 को खत्‍म करके दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए, इसको लेकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। भारत ने जयंत खाबरागड़े(Jayant Khobragade) की इस्‍लामाबाद में नियुक्ति को लेकर उनके नाम की घोषणा जून में ही कर दी थी।

नई दिल्ली। पाकिस्तान की मौजूदा हालत चाहे जैसी भी हो, लेकिन भारत के साथ उसकी नापाक हरकतें कभी थमती नहीं है। कुलभूषण जाधव मामले पाकिस्तान अपनी नापाक मंसूबे तो पहले से ही दिखा चुका है, लेकिन अब इसी को आगे बढ़ाते हुए पाकिस्‍तान (Pakistan) ने भारत के साथ संबंध बिगाड़ने की राह में एक और कदम उठाया है। बता दें कि भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित करने के एक महीने के बाद पाकिस्तान ने रविवार को राजनयिक जयंत खोबरागड़े (Jayant Khobragade) को वीजा देने से इनकार कर दिया। दरअसल इस्लामाबाद में भारत की तरफ से जयंत खोबरागड़े को नियुक्त किया गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्‍तान के इस कदम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध फिर बिगड़ेगे। बता दें कि मोदी सरकार द्वारा अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को जब समाप्त किया तो पाकिस्तान को मिर्ची लग गई। ऐसे में दोनों देशों के रिश्ते और खराब हो गए।

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बता दें कि मोदी सरकार ने 370 को खत्‍म करके दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए, इसको लेकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। भारत ने जयंत खाबरागड़े की इस्‍लामाबाद में नियुक्ति को लेकर उनके नाम की घोषणा जून में ही कर दी थी। टाइम्‍स ऑफ इंडिया के मुताबिक वीजा न जारी करने के पाकिस्‍तान के कदम के पीछे खोबरागड़े की वरिष्‍ठता भी जिम्‍मेदार है। पाक द्वारा वीजा ना दिए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि पाकिस्‍तान खोबरागड़े को राजनयिक के तौर पर काफी सीनियर मान रहा है, इसलिए वीजा नहीं दे रहा।

Imran Khan Pakistan

वहीं राजनयिक तौर पर पाकिस्‍तान कोई हक नहीं कि वो इस पर कुछ कह सके कि भारत राजनयिक के पद पर किसको नियुक्‍त कर और किसको नहीं। भारत सरकार भी इस मामले में अब पाकिस्‍तान को जैसे को तैसा जवाब दे सकती है। वहीं जयंत खोबरागड़े की बात करें तो वो 1995 बैच के आईएफस अफसर हैं। उन्‍होंने इससे पहले भी पाकिस्तान में काम किया है। वह इस समय परमाणु ऊर्जा विभाग में संयुक्त सचिव कि पद पर तैनात हैं। वह किर्गिस्‍तान में भारतीय उच्‍चायुक्‍त रह चुके हैं। इसके बाद उन्‍होंने रूस, स्‍पेन और कजाखिस्‍तान में भारतीय मिशनों के लिए काम किया।