नई दिल्ली। पाकिस्तान कुलभूषण मामले में अक्सर अपनी स्टैंड बदलता रहता है। अब पाक ने भारत की उस मांग को खारिज कर दिया है जिसमें कुलभूषण के लिए भारतीय वकील की नियुक्ति की मांग की गई थी। मतलब साफ है कि अब पाकिस्तान कुलभूषण के लिए भारतीय वकील किए जाने की मांग को नहीं मानेगा। पाकिस्तान द्वारा अपने स्थानीय कानून में बदलाव के विकल्प को खारिज कर दिया है।
आपको बता दें कि कुलभूषण मामले में पाकिस्तान इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस में फटकार खा चुका है। पाकिस्तान ने नौटंकी के तहत कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई 6 अक्टूबर को रखी है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भारत को कुलभूषण के लिए वकील नियुक्त करने का दूसरा मौका देने की बात कही।
Pakistan dismisses any option to amend local laws on India’s demand to allow its lawyers to fight the case of Indian national Kulbhushan Jadhav (in file pic) in Pakistani courts: Pakistan media pic.twitter.com/U0c8Uwo4Kh
— ANI (@ANI) September 10, 2020
बता दें कि इससे पहले भी, पाकिस्तान ने भारतीय वकील को नियुक्त करने की मांग खारिज कर दी थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफीज चौधरी ने था, ‘इस देश की अदालत में भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी भारतीय वकील को अनुमति देना कानूनी रूप से संभव नहीं है।’
वहीं कुलभूषण जाधव की बात करें तो पाकिस्तान झूठा दावा करता आया है कि जाधव को जासूसी के आरोप में 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था, जबकि भारत पाक के इस पैंतरेबाजी को खारिज कर चुका है। भारत हमेशा से ये कहता रहा है कि जाधव को चाबहार के ईरानी बंदरगाह से अगवा किया गया था। 2017 की शुरुआत में, एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई।
जाधव मामले में मई 2017 में, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पिछले साल जुलाई में, 15-1 के वोट से आईसीजे ने भारत के इस दावे को सही ठहराया था कि पाकिस्तान ने कई मामलों में कॉउसंलर रिलेशंस पर वियना कन्वेंशन के नियमों का उल्लंघन किया है।