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पाकिस्तान सरकार के खिलाफ POK की सड़कों पर उतरे लोग, लगाए ‘आजादी’ के नारे, बोले- माफी मांगे पाक

POK: इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पाकिस्तानी कब्जे के खिलाफ आजादी की जंग जारी रखने की शपथ ली। इस कैंडललाइट मार्च का आयोजन नेशनल इक्वैलिटी पार्टी JKGBL ने किया था। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान उन हजारों निर्दोष और निहत्थे नागरिकों को याद में मौन रखा जिन्हें हमले में मार गिराया गया था।

नई दिल्ली। जिस कश्मीर पर पाकिस्तान अपना कब्जा बताता है वहीं अब उसे मुंह की खानी पड़ रही है। बीते दिन आतंकिस्तान के विरोध में प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाला गया। लोगों ने 22 अक्टूबर 1947 को इस क्षेत्र में हुए पाकिस्तानी आक्रमण का विरोध जताया। यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी ने मुजफ्फराबाद शहर में 75 साल पहले जम्मू कश्मीर पर हुए आदिवासी और सैन्य हमले के खिलाफ एक रैली का आयोजन किया था। पाकिस्तानी हमले के विरोध में की गई इस रैली में आजादी के नारे लगाए गए साथ ही पाक सेना और सरकार के कब्जे वाले क्षेत्र को आजाद करने की मांग की गई। एक एजेंसी से बात करते हुए UKPNP चेयरमैन सरदार शौलत अली कश्मीरी ने पाकिस्तान को हत्यारा बताते हुए कहा, ‘पाक जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों और हजारों निर्दोष लोगों पर कब्जाधारी और हत्यारा है।’ बता दें, 22 अक्टूबर 1947 को इस क्षेत्र में हुए पाकिस्तानी आक्रमण में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए नीलम पुल पर एक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया था।

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आजादी मिलने तक संघर्ष रहेगा जारी

इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पाकिस्तानी कब्जे के खिलाफ आजादी की जंग जारी रखने की शपथ ली। इस कैंडललाइट मार्च का आयोजन नेशनल इक्वैलिटी पार्टी JKGBL ने किया था। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान उन हजारों निर्दोष और निहत्थे नागरिकों को याद में मौन रखा जिन्हें हमले में मार गिराया गया था। इस हमले में जान गवानें वालों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

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माफी मांगे पाकिस्तान

JKGBL के सज्जाद राजा ने कहा कि पाकिस्तान को अपने उस कृत्य के लिए मांफी मांगनी चाहिए जब उसने कियों का अपहरण कर उन्हें देश और पड़ोसी अफगानिस्तान के बाजारों में बेच दिया था। प्रदर्शनकारियों ने इलाके को छोड़ने के लिए कहा। बता दें, ये प्रदर्शन लाल चौक से शुरू हुआ था जो मुजफ्फराबाद की सड़कों से होता हुआ नीलम ब्रिज पर जाकर खत्म हुआ।