नई दिल्ली। पकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री (foreign Minister) शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) चीन-पाकिस्तान (चीन-Pak) विदेश मंत्रियों के रणनीतिक वार्ता के दूसरे दौर में भाग लेने के लिए चीन की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरे पर पाकिस्तान चीन के सामने तीन प्रस्ताव या यूं कहें गुजारिशें रखेगा। अब सवाल ये उठता है कि भारत और नेपाल (India Nepal Relation) के बीच रिश्तों में आई तल्खी का क्या पाकिस्तान फायदा उठाना चाहता है? पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने चीन के सामने जो 3 प्रस्ताव रखने का मन बनाया है उनसे ऐसी आशंका है। इसमें से एक प्रस्ताव ऐसा है जिससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान नेपाल के ज्यादा करीब आने की कोशिश कर रहा है।
क्या है ये 3 प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से पहला प्रस्ताव यह होगा कि पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य साझेदारी बढ़े। इसमें जॉइंट मिलिट्री कॉर्पोरेशन पर जोर है। दूसरा प्रस्ताव चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ा है। पाकिस्तान चाहता है कि CPEC प्रॉजेक्ट्स के दूसरे फेज का काम भी चीन जल्द शुरू कर दे। वहीं तीसरा प्रस्ताव है नेपाल को लेकर। इमरान खान चाहते हैं कि नेपाल से पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्ते और मजबूत हों। इसके लिए कुरैशी पाकिस्तान और नेपाल के बीच किसी तरह के ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का मुद्दा उठाएंगे। नेपाल इस वक्त चीन से करीबी बढ़ा रहा है, इसलिए पाकिस्तान इसके लिए चीन की मदद चाहता है। नेपाल और चीन ने भी हाल में करीब 20 इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी अग्रीमेंट किए हैं।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बता दें कि चीन रवाना होने से पहले जारी एक वीडियो संदेश में कुरैशी ने कहा कि वह ‘चीन की बहुत महत्वपूर्ण यात्रा’ पर जा रहे हैं और दौरे पर निकलने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ चर्चा की है। वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं, “मैं चीन की बहुत महत्वपूर्ण यात्रा पर जा रहा हूं। मैंने कल (बुधवार) इस यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की। मेरा प्रतिनिधिमंडल देश के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के रुख का प्रतिनिधित्व करेगा।” वह आगे कह रहे हैं, “मुझे उम्मीद है कि विदेश मंत्री वांग यी से मेरी मुलाकात दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी।”
विदेशी कार्यालय के एक बयान के अनुसार, कुरैशी और वरिष्ठ अधिकारी चीन के हैनान प्रांत का दौरा करेंगे, जहां वह वार्ता में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वहीं स्टेट काउंसलर और फॉरेन मिनिस्टर वांग यी बातचीत के दौरान चीनी पक्ष का नेतृत्व करेंगे। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि, “यह वार्ता पाकिस्तान-चीन के बीच ‘ऑल-वेदर स्ट्रेटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनरशिप’ को और मजबूत बनाने और कई मुद्दों पर चीन के साथ रणनीतिक संचार और समन्वय को गहरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।” चीन-पाकिस्तान विदेश मंत्रियों के रणनीतिक वार्ता का पहला दौर मार्च 2019 में हुआ था।