इराक। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव अभी तक खत्म नहीं हुआ है. तनाव के बीच ही एक बार फिर इराक की राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला किया गया है। अमेरिकी सैन्य सूत्र ने कहा कि इस हमले का मकसद अमेरिकी संपत्ति को क्षति पहुंचाना था। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि इसे हमले कितने लोग हताहत हुए हैं।
गौरतलब है कि अक्टूबर के बाद से यह 19वां हमला था, जिसमें इराक में तैनात 5200 अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया गया। हमलों का कभी किसी ने दावा नहीं किया, लेकिन अमेरिका ने ईरान समर्थित गुटों में हशद अल-शाबी के नेटवर्क पर उंगली उठाई है। यह आधिकारिक तौर पर इराक के सुरक्षाबलों में शामिल है।
एएफपी के संवाददाताओं ने ग्रीन ज़ोन के पास एयरक्राफ्ट सर्किलिंग के पास कई विस्फोटों को सुना, जहां अमेरिकी मिशन स्थित है। आपको बता दें कि पिछले महीने में उत्तरी इराक में हुए ऐसे ही एक हमले में अमेरिकी कॉन्ट्रेक्टर की मौत हो गई थी। इसके बाद अमेरिका की कार्रवाई में 25 लड़ाके मारे गए थे, जो ईरान के नजदीकी माने जाते हैं।
सुलेमानी को ड्रोन हमले में मार गिराया
गौरतलब है कि ईरान और अमेरिका के बीच तनाव उस वक्त बहुत बढ़ गया, जब शुक्रवार को अमेरिका ने बगदाद में ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमले में मार गिराया था। सुलेमानी को वहां हवाईअड्डे से बाहर निकलते समय निशाना बना गया था। इस हमले में ईरान के हशद अल-शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख और कुछ अन्य ईरान समर्थित स्थानीय मिलिशिया भी मारे गए थे।
62 वर्षीय जनरल सुलेमानी को ईरान के शीर्ष धार्मिक नेता अयातुल्लाह खामेनेयी के बाद ईरान का सबसे ताकतवर शख्सियत माना जाता था। उनके मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। कुछ विशेषज्ञों ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जताई थी।