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Russia-Ukraine War: प्रतिबंधों की बौछार के बीच रूस ने भारत को दिया ये आकर्षक ऑफर!

Russia-Ukraine War: भारत रूस की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट (Rosneft) से अधिक मात्रा में कच्चे तेल की खरीद करता है। बीते साल जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा पर थे तब रोसनेफ्ट और इंडिया ऑयल कॉर्पोरेशन ने 2022 के अंत तक नोवोरोस्सिएस्क बंदरगाह के जरिए भारत को 2 करोड़ टन तक तेल की आपूर्ति के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया था।

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का आज 15वां दिन है। लगातार रूस के किए जा रहे हमले से यूक्रेन की हालत खस्ता हो गई है। यूक्रेन पर हो रहे आक्रमण से अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह प्रतिबंध लगा दिए हैं। खुद पर शिकंजा कसता देख अब रूस की भी मुश्किलें बढ़ती जा रही है और अब उसके रूख में भी नरमी आती दिख रही है। यूक्रेन पर हमले के बीच रूस से भारत को ऑफर दे रही है। दरअसल, खुद पर लगे प्रतिबंधों से परेशान रूस की तेल कंपनियां भारत को तेल पर भारी डिस्काउंट ऑफर कर रही हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट की मानें तो रूस की तेल कंपनियां कच्चे तेल की कीमत पर भारत को 25-27 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश कर रहीं हैं।

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तेल पर भारत को ऑफर हो रहा भारी डिस्काउंट

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट की मानें तो सूत्रों का कहना है कि रूसी तेल कंपनियां ब्रेंट क्रूड ऑयल की पुरानी कीमतों पर 25-27 फीसदी की छूट दे रही हैं। रूसी कंपनियों द्वारा भारी छूट का संकेत देते हुए एक सूत्र ने कहा, ‘प्रस्ताव आकर्षक है। हालांकि, अभी भी कोई संकेत नहीं है कि तेल खरीद का भुगतान कैसे किया जाएगा।’ बता दें, यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद रूस के कई बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम से हटा दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम से हटाने के बाद से ही रूस के लिए अन्य देशों के साथ व्यापार करना मुश्किल हो गया है। खुद को इस मुश्किल स्थिती से निकालने के लिए रूस की सरकार एक नए भुगतान तंत्र का निर्माण करने में लगी है। अगर ऐसा होता है तो भारत के साथ रूस के तेल का व्यापार बढ़ पाएगा।

Oil

गौरतलब है कि भारत रूस की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट (Rosneft) से अधिक मात्रा में कच्चे तेल की खरीद करता है। बीते साल जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा पर थे तब रोसनेफ्ट और इंडिया ऑयल कॉर्पोरेशन ने 2022 के अंत तक नोवोरोस्सिएस्क बंदरगाह के जरिए भारत को 2 करोड़ टन तक तेल की आपूर्ति के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया था।