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Ukraine: तुर्की में साथ-साथ लगे रूस-यूक्रेन के झंडे, जानिए क्या है इसकी वजह?

Ukraine: तुर्की के एंटाल्या में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। इस बातचीत के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों नेताओं के बीच शांति समझौते को लेकर किसी तरह का कोई फैसला सामने आ सकता है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन में बीते लगभग 15 दिनों से जारी जंग के चलते रूस के कई देशों के साथ संबंध खराब हो चुके हैं। अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया सहित ब्रिटेन और फ्रांस जैसे कई यूरोपीय देश एक के बाद एक लगातार रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाते जा रहे हैं। रूस के साथ रक्षा संबंधों से जुड़ा तुर्की भी उसकी निंदा कर चुका है। बता दें, तुर्की भी NATO में शामिल देशों में से एक है। ऐसे में तुर्की के एक होटल की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें रूस और यूक्रेन के झंडों को अगल-बगल लगाया गया है। ये वायरल फोटो तुर्की (Turkey) के रिसोर्ट सिटी एंटाल्या (Antalya) के एक होटल की है। दरअसल, रूस के विदेश मंत्री Sergeĭ Viktorovich Lavrov और यूक्रेन के विदेश मंत्री Dmytro Kuleba के बीच गुरुवार को तुर्की के एंटाल्या में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। इस बातचीत के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों नेताओं के बीच शांति समझौते को लेकर किसी तरह का कोई फैसला सामने आ सकता है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

दरअसल, इस समय अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस यूक्रेन के पड़ोसी देशों के दौरे पर हैं। वे पोलैंड और रोमानिया के नेताओं से मुलाकात करेंगी। कहा जा रहा है कि कमला हैरिस इस बात पर चर्चा करेंगी कि इस जंग के बीच अमेरिका यूक्रेन के पड़ोसी देशों का किस तरह से समर्थन कर सकता है। बता दें, कि हाल ही में अमेरिका और पोलैंड के बीच यूक्रेन में लड़ाकू विमानों को भेजने की डील रद्द हो गई है। इस बीच कमला हैरिस का पोलैंड दौरा काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। दरअसल, अमेरिका चाहता था, कि पोलैंड अपने मिग-29 विमान युद्ध की मार झेल रहे यूक्रेन को दे दे, लेकिन पोलैंड ने रूस से सीधे तौर पर दुश्मनी लेने से मना कर दिया। हालांकि पोलैंड ने अपने हथियार जर्मनी में मौजूद अमेरिकी सेना के हवाले को कहा है, साथ ही कहा है कि अमेरिका उन हथियारों को यूक्रेन के हवाले कर दे।

गौरतलब है कि जंग के बीच अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों द्वारा रूस को छोड़ने का सिलसिला जारी है। हाल ही में जापान की कॉस्मेटिक कंपनी Shiseido ने रूस से अपना कारोबार समेटने की घोषणा कर दी है। कंपनी ने कहा है कि वो अब अपने प्रोडक्ट रूस में नहीं भेजेगी। इसके अलावा जर्मनी की एक बड़ी कंपनी HugoBoss ने भी रूस से किनारा कर लिया है। जापान की मोटर कंपनी Toyota ने भी सप्लाई चेन प्रभावित होने की वजह से अपनी सप्लाई रोकने का ऐलान कर दिया है।