वॉशिंगटन। अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज के हटने के बाद तालिबान ने पंजशीर घाटी के अलावा सभी जगह कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही वहां के आम लोगों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। लोग देश से भागना चाहते हैं। इस मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ मदद न करने पर माहौल बन रहा था। ऐसे में अब बाइडेन ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने तालिबान से परेशान अफगानों की मदद करने की बात कही है। बाइडेन ने ट्वीट कर कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का साथ देने वाले लोगों को अमेरिका शरण देगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी। जांच के बाद अफगान नागरिकों को अमेरिका लाकर उन्हें हालात सामान्य होने तक रखा जाएगा। बाइडेन ने लिखा, ‘स्क्रीनिंग और क्लियरेंस के बाद हम उन अफगानों का अमेरिका में उनके नए घर में स्वागत करेंगे, जिन्होंने जंग में हमारी मदद की। हम यहीं हैं और अमेरिका भी यही है।’ बता दें कि सेना की वापसी का फैसला करने और अफगानिस्तान में हालात खराब होने पर बाइडेन के खिलाफ दुनियाभर से आवाजें उठ रही थीं। तमाम लोगों ने इस फैसले के खिलाफ व्हाइट हाउस के अलावा लंदन और अन्य जगह अमेरिकी दूतावासों के बाहर जमकर प्रदर्शन किया था।
Once screened and cleared, we will welcome Afghans who helped us in the war effort to their new home in the United States of America.
Because that’s who we are. That’s what America is.
— Joe Biden (@JoeBiden) August 23, 2021
अपने नए फैसले से बाइडेन ऐसी आवाजों को खामोश करने की कोशिश कर रहे हैं। वह पहले कह रहे थे कि अफगानों की मदद तो करेंगे, लेकिन हर तरह की मदद करना मुश्किल है। अफगानिस्तान में 34 में से 33 प्रांतों पर तालिबान के कब्जे के बाद बाइडेन ने काबुल से अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए 6000 सैनिक भेजे थे। इसके बाद ही सवाल उठने लगे थे कि जिन अफगानों ने अमेरिका का साथ दिया, उनके लिए क्यों कुछ सोचा नहीं जा रहा है।
उधर, अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके और पंजशीर घाटी में रेजिस्टेंट फोर्स तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रही है। बघलान प्रांत के अंद्राब में तालिबान और रेजिस्टेंट फोर्स की जंग चल रही है। बानू प्रांत में 50 से ज्यादा तालिबान मार दिए गए हैं। इससे पहले नॉर्दर्न अलायंस ने दावा किया था कि पंजशीर पर कब्जा करने की कोशिश में तालिबान के 300 लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया है। बता दें कि नॉर्दर्न अलायंस के साथ अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह भी हैं। सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया है।