मॉस्को/वॉशिंगटन। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के खिलाफ तमाम प्रतिबंध लग रहे हैं। अमेरिका ने रूस पर अंतरिक्ष के मामलों में भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस पर रूस ने बड़े खतरे की बात कही है। ये खतरा भारत और चीन को है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के चीफ दिमित्री रोगोजिन ने कहा है कि अगर अमेरिका इसी तरह प्रतिबंध लगाकर रूस को किनारे धकेलता रहा, तो दोनों के सहयोग से अंतरिक्ष में स्थापित स्पेस स्टेशन का कंट्रोल खत्म हो सकता है और ये भारत या चीन पर गिर सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो भारी-भरकम स्पेस स्टेशन के भारत में गिरने से व्यापक तौर पर जनहानि हो सकती है।
अभी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में अमेरिका के 4, रूस के 2 और जर्मनी का 1 अंतरिक्ष यात्री है। अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि अगर अमेरिका हमारे साथ सहयोग को रोकता है, तो स्पेस स्टेशन को अनियंत्रित होकर धरती पर गिरने से कौन बचाएगा ? उन्होंने कहा कि स्पेस स्टेशन 500 टन का है। ये भारत, चीन, अमेरिका और यूरोप पर भी गिर सकता है। रोगोजिन ने कहा कि रूस को इस स्पेस स्टेशन के गिरने से कोई खतरा नहीं होगा, क्योंकि वो उसके ऊपर से नहीं उड़ता है। रॉसकॉसमॉस के चीफ ने कहा कि क्या अमेरिका प्रतिबंध लगाकर हमें धमकाना चाहता है ? उसे पहले सोचना चाहिए कि ऐसे में किस तरह का खतरा देशों को हो सकता है।
अमेरिका ने यूक्रेन पर हमले के बाद जो प्रतिबंध लगाए हैं, उनमें अंतरिक्ष की प्रोद्योगिकी के निर्यात को भी शामिल किया गया है। हालांकि, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने साफ किया है कि रूस पर नए प्रतिबंधों की वजह से वो सहयोग को खतरे में नहीं डालेगा। नासा ने कहा है कि “हम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के चल रहे सुरक्षित संचालन के लिए स्टेट स्पेस कॉरपोरेशन रॉसकॉसमॉस सहित हमारे सभी अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करना जारी रखे हुए हैं। नए निर्यात नियंत्रण उपाय अमेरिका-रूस नागरिक अंतरिक्ष सहयोग की अनुमति देना जारी रखेंगे। इसमें कोई बदलाव की योजना नहीं है। ऑर्बिट और ग्राउंड स्टेशन संचालन में जारी रखने के लिए एजेंसी का समर्थन भी जारी है।”