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Sundar Pichai: जब भारत के लिए सुंदर पिचाई की आंखों में आ गए आंसू, बताया क्यों हुए भावुक

Google: पिचाई भले ही आज वह सबसे बड़ी कंपनी के सीईओ है लेकिन आज भी देश से उनकी गहराई कहीं कम नहीं है। ऐसा हम नहीं कहते बल्कि एक इंटरव्यू के दौरान खुद सुंदर पिचाई ने कहा। दरअसल कैलिफ़ोर्निया की सिलिकॉन वैली में Google हेडक्वार्टर में बीबीसी के साथ एक हुए एक इंटरव्यू के दौरान पिचाई ने फ्री और ओपन इंटरनेट के लिए खतरे समेत कई विषयों पर बात की।

नई दिल्ली। भारत के तमिलनाडु में पैदा हुए और चेन्नई में ही पले बड़े दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी और विश्व के सबसे शक्तिशाली सीईओ सुंदर पिचाई के मन में आज भी भारत बसता है। भले ही आज वह सबसे बड़ी कंपनी के सीईओ है लेकिन आज भी देश से उनकी गहराई कहीं कम नहीं है। ऐसा हम नहीं कहते बल्कि एक इंटरव्यू के दौरान खुद सुंदर पिचाई ने कहा। दरअसल कैलिफ़ोर्निया की सिलिकॉन वैली में Google हेडक्वार्टर में बीबीसी के साथ एक हुए एक इंटरव्यू के दौरान पिचाई ने फ्री और ओपन इंटरनेट के लिए खतरे समेत कई विषयों पर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की जड़ें उनमें गहरी हैं और आज वह जो कुछ भी हैं भारत उनका एक बड़ा हिस्सा है।

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महामारी ने काफी प्रभावित किया

दुनिया पिछले डेढ़ से ज्यादा समय से कोरोना महामारी का सामना कर रही है। इस दौरान लोगों कई तरह की स्थिति का सामना किया। इस दौरान 40 लाख से ज्यादा लोग की कोरोना महामारी की वजह मौत हो गई। इस महामारी ने हर किसी को प्रभावित किया है। चाहे वो आम आदमी हो या बेहद खास हर किसी ने कोरोना की मार का सामना किया है। इस पर सुंदर पिचाई ने भी कहा कि महामारी ने भावनात्मक रूप से काफी प्रभावित किया है।

आखिरी बार कब रोए थे पिचाई

वही जब सुंदर पिचाई से पूछा गया कि वह आखिरी बार कब रोए थे तो उन्होने बताया, कि कोविड के दौरान दुनिया भर में मुर्दाघर के बाहर ट्रकों की लाइन लगी थी। जिस देखकर वह खुद को रोक नहीं पाए। वहीं पिछले साल भारत में जो भी हुआ उससे वह काफी प्रभावित हुए। भारत में अप्रैल के मध्य से मई के महीने में कोरोना की दूसरी लहर का कोहराम देखा गया था। इंटरनेट पर गंगा नदी में बहते शवों की तस्वीरें देखकर वह खुद को रोक नहीं पाए और इमोशनली टूट गए।

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दिल में बसता है भारत

सुंदर पिचाई का कहना है कि आज वह भले ही अमेरीका के नागरिक हैं, भले ही आज वह सबसे बड़ी कंपनी के सीईओ हैं। लिन आज भी उनके दिल में भारत बसता है। पिचाई से जब उनके रूट्स के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह एक अमेरिकी नागरिक हैं लेकिन उनके भीतर भारत बसा हुआ है।

भारतीयों को मिलेगी नई टेक्नोलॉजी

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की बात करते हुए पिचाई ने कहा कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सबसे ताकतवर टेक्नोलॉजी मानते हैं, जिसे इंसान विकसित करेगा और उस पर काम करेगा। अपने बचपन की बात करत हुए पिचाई ने कहा कि जब वह छोटा थे, तकनीक के हर नए पहलुओं को सीखते थे और उसे बढ़ाने के नए अवसर के बारे में सोचता थे, लेकिन उन्हें बहुत इंतजार करना पड़ता था। लेकिन आज भारत में लोगों को टेक्नोलॉजी के आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

pichai CEO

हवाई जहाज पर बैठाने के लिए पिता ने की मेहनत

सुदंर पिचाई ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें यूएस भेजने के लिए काफी मेहनत की खून पसीना एक कर दिया था। हवाई जहाज के टिकट के लिए उन्होंने अपने एक साल के वेतन के बराबर खर्च किया ताकि वह स्टैनफोर्ड जा सकें। स्टैनफोर्ड पिचाई की पहली हवाई जहाज यात्रा थी। वैसी नहीं थीं जैसी उन्होंने कल्पना की थी। सुंदर पिचाई ने कहा कि ‘केवल एक चीज जो मुझे यहां से वहां तक ​​ले गई, वो भाग्य के अलावा – तकनीक के लिए मेरागहरा जुनून और खुला दिमाग था।’