जलालाबाद। काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान की तरफ से कई वादे किए गए थे। तालिबान के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा था कि महिलाओं का उत्पीड़न नहीं होगा और उन्हें काम करने दिया जाएगा। दूसरा वादा था कि आम लोगों पर वे आतंक नहीं बरपाएंगे। इन दोनों ही वादों को तालिबान ने पुराने रंग में आते हुए तोड़ दिया है। पहले तालिबान ने सरकारी टीवी चैनल से महिला एंकर्स को हटाने का फरमान दिया। अब जलालाबाद शहर में उन्होंने सड़कों पर आम लोगों का खून बहाया है। चलिए अब बताते हैं आपको कि तालिबान ने किस तरह आम लोगों पर जुल्म न करने का अपना दूसरा वादा तोड़ा। हुआ यूं कि आज जलालाबाद के लोगों ने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के खिलाफ प्रदर्शन मार्च निकाला था। हाथों में अफगानिस्तान का झंडा लिए लोगों की भीड़ सड़क पर उतरी थी। भीड़ तालिबान के कब्जे के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। अचानक तालिबान वहां पहुंचकर फायरिंग करने लगे। तमाम लोगों को गोली लगने की खबर है।
एक वीडियो इस फायरिंग का सामने आया है। इस वीडियो में कई लोग रोते-बिलखते हुए तालिबान के अत्याचार की कहानी सुना रहे हैं। तालिबान की ओर से खबर लिखे जाने तक इस घटना के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
तालिबान प्रवक्ता की बातों और वादों पर इसी वजह से दुनिया भरोसा नहीं कर रही है क्योंकि 1990 के दशक में अफगानिस्तान में तालिबान शासन के दौरान हुआ खूनखराबा लोगों को आज भी याद है। जलालाबाद की घटना ने साबित कर दिया है कि भले ही तालिबान खुद को बदलने की बात कह रहा हो, लेकिन उसका दिमाग खून से ही रंगा हुआ है।