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Who is Yulia Tymoshenko: यूक्रेन की वो नेता जिससे रूस भी खौफ खाता था, आज याद कर रहे Ukraine के लोग

Who is Yulia Tymoshenko: 2004 में यूक्रेन में हुए राष्ट्र पति चुनाव में रूस समर्थक विक्टर यानुकोविक की जीत हुई। इस जीत के बाद यूलिया समेत कई विपक्षी नेताओं ने विक्टनर पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। इस विरोध के कारण यूक्रेन में ‘ऑरेंज रिवोल्यूशन’ की शुरुआत हुई।

नई दिल्ली। कोई देश कितना मजबूत है ये उसके नेतृत्व पर निर्भर करता है। एक ताकतवर नेतृत्व ही दुश्मनों से अपने देश की हिफाजत कर सकता है। मौजूदा वक्त में रूस और यूक्रेन के बीच यही अंतर देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ रूस के पास पुतिन के रूप में एक अनुभवी और मजबूत राष्ट्रपति हैं, तो वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन के पास व्लादिमिर जेलेंस्की हैं। जिनके पास अनुभव तो है, लेकिन स्टैंडअप कॉमेडी से लोगों का मनोरंजन करने का। ऐसे इमरजेंसी वाले हालातों में आज यूक्रेन के लोग यूलिया तेमोसेंकोवा को याद कर रहे हैं। यूलिया यूक्रेन की पहली महिला मुख्यमंत्री होने के साथ ही पहली महिला प्रधानमंत्री भी थीं और रूस के खिलाफ वो खुलकर बोलती थीं। यूक्रेन के लोगों की मानें तो, उनके देश पर हमला करने वाला रूस कभी यूलिया तेमोसेंकोवा को नहीं डरा पाया। मौजूदा वक्त में यूक्रेन में पैदा हुए संकट के बीच लोगों का मानना है कि, अगर आज देश की कमान यूलिया तेमोसेंकोवा के हाथों में होती तो शायद आज हालात ऐसे नहीं होते। यूलिया को ग्रीन क्वीन के नाम से भी जाना जाता है।

एक सफल बिजनेस वुमन के तौर पर खुद को साबित करने के बाद राजनीति में यूलिया की एंट्री हुई। लोगों का समर्थन पाकर वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई। यूलिया 2007 से लेकर 2010 तक यूक्रेन की प्रधानमंत्री रहीं, उन्होंने अपनी कार्यशैली और मिजाज से यूक्रेन के लोगों का विश्वास जीत लिया। यूक्रेन के लोगों के बीच उनकी सकारात्म क और देश के लिए लड़ने वाली प्रधानमंत्री की छवि बन गई। बतौर प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान यूलिया तेमोसेंकोवा ने हमेशा से ही रूस को सख्तक लहजे में जवाब दिया। यूलिया बिना लड़े ‘एक इंच ज़मीन’ भी रूस को देने के लिए तैयार नहीं थीं। उनके सख्त लहजे से रूस भी खौफ खाता था। यूक्रेन की सफल बिजनेस वुमन में शामिल यूलिया का बड़े स्तर पर गैस का कारोबार है।

2004 में यूक्रेन में हुए राष्ट्र पति चुनाव में रूस समर्थक विक्टर यानुकोविक की जीत हुई। इस जीत के बाद यूलिया समेत कई विपक्षी नेताओं ने विक्टनर पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। इस विरोध के कारण यूक्रेन में ‘ऑरेंज रिवोल्यूशन’ की शुरुआत हुई। विक्टकर का विरोध करने में सबसे आगे यूलिया खड़ी थीं, उनकी पार्टी के झंडे का रंग ऑरेंज इस वजह से इस विरोध को ‘ऑरेंज रिवोल्यूशन’ कहा गया। यूलिया ने अपने तर्क रखे और पीछे नहीं हटीं। उन्हें यूक्रेन के लोगों का भरपूर सहयोग मिला। नतीजा, रूस समर्थक राष्ट्ररपति विक्टार यूनिकोविक को देश छोड़कर भागना पड़ा। 2010 में यूक्रेन में राष्ट्रजपति चुनाव हुए, जिसमें यूलिया विक्ट्र यूनिकोविक से सिर्फ 3.3% वोट से पिछड़ गई। विक्टर ने इस मौके का फायदा उठाकर यूलिया से 2004 में हुए विरोध का बदला लिया। विक्टर ने यूलिया पर गैस डील में भष्टाचार करने का आरोप लगाकर उन्हें जेल भेज दिया। वे 2011 से 2014 तक जेल में रहीं, जेल में उन्हेंव शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ि‍त किया गया। हालांकि, यूरोपियन यूनियन से लेकर अमेरिका तक कई देशों का समर्थन यूलिया को ही मिला। तो ये थी यूक्रेन की ग्रीन क्वीन यूलिया तेमोसेंकोवा की पूरी कहानी।