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UN: ‘आतंकवाद को पालते-पोसते हैं, ये दोषी’ संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत ने फिर लगाई पाक को लताड़

UN: भारत के दूत राजेश परिहार ने कहा कि आतंकवाद का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण ये है कि उन्हें मिलने वाले वित्तीय संसाधनों को रोका जाए। परिहार ने कहा कि कुछ देश ऐसे हैं जो साफ तौर पर आतंकवाद को सहायता और समर्थन देने के साथ ही वित्तीय सहायता और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देने के लिए दोषी हैं।

नई दिल्ली। आतंकियों का पनाहगाह पाकिस्तान अक्सर अंतर्राष्ट्रीय मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए करता है लेकिन भारत भी अब उसकी मंशा से वाकिफ है। ऐसे में उसे (पाकिस्तान) मुंह तोड़ जवाब दिया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत ने आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाह और आतंकियों के आका पाकिस्तान की जमकर क्लास ली है। भारत ने आतंक को बढ़ावा देने और आतंकियों को पनाह देने के मामले में संयुक्त राष्ट्र में पाक को फटकार लगाई है। भारत ने पाकिस्तान को इस मामले में ‘स्पष्ट रूप से दोषी’ करार देते हुए कहा कि वो जानबूझकर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं। इसके साथ ही भारत की ओर से ऐसे देशों के खिलाफ एक्शन लिए जाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है। भारत ने ऐसे देशों को सामूहिक रूप से जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया है।

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संयुक्त राष्ट्र के मंच से एक बार फिर भारत ने कहा कि भारत तीन दशकों से अधिक समय से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है। गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव राजेश परिहार ने आतंकवाद विरोधी समिति और 1267/1989/2253 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति की संयुक्त विशेष बैठक में इसे लेकर टिप्पणी की। परिहार ने उन रिपोर्टों का हवाला दिया जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों के नेताओं पर मुकदमा चलाने में दक्षिण एशिया के कुछ देशों की ढिलाई की ओर इशारा करती हैं और जहां आतंकी संगठन धन जुटाना जारी रखे हुए हैं। जाहिर तौर पर ये इशारा आतंकिस्तान यानी पाकिस्तान की ओर ही था।

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भारत के दूत राजेश परिहार ने कहा कि आतंकवाद का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण ये है कि उन्हें मिलने वाले वित्तीय संसाधनों को रोका जाए। परिहार ने कहा कि कुछ देश ऐसे हैं जो साफ तौर पर आतंकवाद को सहायता और समर्थन देने के साथ ही वित्तीय सहायता और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देने के लिए दोषी हैं। ऐसे देशों से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए।