कीव। रूस ने यूक्रेन के डोनबास राज्य के डोनेत्स्क और लुहांस्क की आजादी को मान्यता दे दी है। ऐसे में यूक्रेन के साथ युद्ध का खतरा और बढ़ गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने डोनेत्स्क और लुहांस्क को आजाद घोषित करने के आदेश पर बीती रात दस्तखत किए थे और दोनों को सामरिक और आर्थिक मदद देने का भी एलान किया था। अब आपको बताते हैं इन दोनों जगहों के बारे में। डोनेत्स्क और लुहांस्क यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रूस से सटे इलाके हैं। एक वक्त डोनेत्स्क को यूक्रेन का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र माना जाता था। डोनबास राज्य का ये मुख्य शहर है और यहां कई अहम खनिजों का भी भंडार है। यहां यूक्रेन का सबसे ज्यादा स्टील उत्पादन भी होता है। इस वजह से भी रूस की नजर इन दोनों इलाकों पर है।
डोनेत्स्क शहर में करीब 20 लाख लोग रहते हैं। उसी तरह लुहांस्क भी है। इस शहर को सोवियत संघ के दौर में वोरोशिलोवग्राद कहा जाता था। लुहांस्क में कोयले के बड़े भंडार हैं। ये इलाका भी रूसी सीमा से सटा है। इसका उत्तरी हिस्सा काला सागर से लगता है। रूस और यूक्रेन के बीच इन इलाकों को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही थी। सोवियत संघ के खत्म होने के बाद डोनबास का इलाका यूक्रेन के पास चला गया था। वहीं, रूस का कहना है कि यहां की ज्यादातर आबादी रूसी है और इस वजह से उसे यूक्रेन में नहीं रहना चाहिए।
डोनेत्स्क और लुहांस्क में रूस समर्थक अलगाववादियों का कब्जा है। वे यूक्रेन से अलग होने का एलान काफी पहले कर चुके हैं। साल 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद डोनेत्स्क और लुहांस्क पर उसकी नजरें गड़ गईं। यूक्रेन ने दोनों जगह सेना भेजकर अलगाववादियों के दमन की कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। बीते 8 साल से डोनेत्स्क और लुहांस्क में अलगाववादियों से जारी जंग में 14000 से ज्यादा लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। अगर यूक्रेन और रूस में जंग छिड़ती है, तो यहां की आबादी के लिए बड़ा खतरा पैदा होगा। इस वजह से लोग डोनेत्स्क और लुहांस्क छोड़कर रूस में शरण भी ले रहे हैं।