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Galwan Clashes: गलवान झड़प के तीन साल पूरे, आज लेह में बैठक करेंगे सेना के अधिकारी

Galwan Clashes: गलवान झड़प (Galwan Clashes) के तीन साल पूरे होने के बाद भी भारत और चीन के बीच विवाद खत्म नहीं हुआ है। कई दौर की वार्ता विफल रहने के बाद आज गुरुवार को एक बार फिर अधिकारी वार्ता करेंगे। ये बैठक लेह में होनी है।

नई दिल्ली। 15 जून 2020 को चीन और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प को आज 3 साल पूरे हो गए हैं। 15 जून 2020 को एलएसी पर हुई इस झड़प में दोनों ही देशों के सैनिकों की जानें गई थी। गलवान झड़प (Galwan Clashes) के तीन साल पूरे होने के बाद भी भारत और चीन के बीच विवाद खत्म नहीं हुआ है। कई दौर की वार्ता विफल रहने के बाद आज गुरुवार को एक बार फिर अधिकारी वार्ता करेंगे। ये बैठक लेह में होनी है।

बॉर्डर पर शांति के लिए हो चुकी है कई दौर की वार्ता

गलवान में चीनी झड़प के बाद सीमा पर शांति के लिए एक नहीं बल्कि 18 राउंड की बातचीत हो चुकी है। अब तक हो चुकी इन बैठकों में दोनों पक्षों ने व्यापक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट को पूरा किया है। बीते 23 अप्रैल को दोनों देशों के बीच जो बैठक हुई थी वो कोर कमांडर स्तर की वार्ता थी। इस बैठक में ये सुनिश्चित किया गया था कि पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों पर जल्द से जल्द स्वीकार्य समाधान निकाला जाएगा।

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आज होने जा रही है लेह में बैठक

आज गुरुवार, 15 जून को लेह में कई सैन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच बैठक होने जा रही है। 14 कोर कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली, उत्तरी कमान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और दूसरे शीर्ष अधिकारियों के बीच ये बैठक होनी है।

क्या हुआ था 15 जून 2020 को गलवान में..

गलवान में भारतीय सेना के कर्नल बी. संतोष बाबू के साथ 20 जवानों ने चीन के सैनिकों से संघर्ष में देश की हर एक इंच जमीन की रक्षा करते हुए शहादत दी थी। भारतीय सेना के जवानों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था कि उसमें 40 से ज्यादा चीन के सैनिकों की जान गई थी। हालांकि, चीन ने अपने 4 जवानों की मौत होने की बात ही स्वीकार की है। गलवान घाटी में चीन की सेना घुसपैठ कर रही थी। जब कर्नल संतोष बाबू ने उनको रोका। इस पर चीन के सैनिकों ने हमला किया था। जिसके बाद भारतीय जवानों ने भी पलटवार किया। तबसे चीन पूर्वी लद्दाख में दोबारा घुसपैठ करने की हिमाकत नहीं दिखा सका है। भारतीय जवान इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भी कई बार घुसपैठ कर रहे चीन के सैनिकों को पीटकर भगा चुके हैं। ऐसी ही एक घटना का वीडियो पिछले दिनों वायरल भी हुआ था।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत ये साफ कर चुका है कि वो केवल बॉर्डर पर शांति चाहता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं रही तो चीन के साथ उसके संबंध तल्ख ही रहेंगे। बीते दिनों ही एक बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ शब्दों में चीन को लेकर कहा था कि जब तक पूर्वी लद्दाख में सीमा की स्थिति सामान्य नहीं होती तब तक चीन के साथ रिश्ते नहीं सुधरेंगे।