न्यूयॉर्क। यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 43वां दिन है। 24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कराई थी। पुतिन का कहना है कि वो किसी सूरत में यूक्रेन को अमेरिका नीत नाटो का हिस्सा नहीं बनने देंगे। वहीं, अब रूस पर यूक्रेन में मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार के आरोप लग रहे हैं। रूस पर आरोप है कि उसने बुचा में नागरिकों की हत्या की। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की ने ताजा आरोप लगाया है कि रूस की सेना ने मारियुपोल में नागरिकों की हत्या की है। इस वजह से रूस वहां किसी और को जाने या वहां से निकलने नहीं दे रहा है।
रूस के खिलाफ प्रतिबंध पहले ही लग चुके हैं। अब अमेरिका ने पुतिन की दो बेटियों पर भी प्रतिबंध लगाया है। यूरोपीय देशों ने भी ऐसा करने का एलान किया है। साथ ही आज रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा UNGA में अहम वोटिंग है। भारतीय समय के मुताबिक शाम साढ़े 7 बजे रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग होगी। प्रस्ताव में रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग UNHCR से सस्पेंड करने की बात कही गई है। इस मामले में सबकी नजरें भारत की तरफ हैं। भारत इससे पहले रूस के खिलाफ लाए गए हर प्रस्ताव की वोटिंग से खुद को अलग रखता रहा है। भारत के दूत टीएस तिरुमूर्ति ने हमेशा कहा है कि युद्ध बंद होना चाहिए और मसलों का हल सिर्फ बातचीत से ही निकल सकता है।
भारत ने हालांकि बुचा में हुए कथित नरसंहार के मसले पर रूस का नाम न लेते हुए बड़ी चिंता जताई थी। भारत ने कहा था कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। वहीं, रूस का कहना है कि उसने यूक्रेन में कहीं भी नरसंहार या मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं किया है। रूस का कहना है कि उसके खिलाफ आरोप गलत हैं और यूक्रेन की सेना खुद ऐसे काम करके उसे बदनाम करने की कोशिश कर रही है। वहीं, अमेरिका और पश्चिमी देश कह रहे हैं कि रूस के खिलाफ युद्ध अपराध का मुकदमा हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चलाया जाना चाहिए।